नई दिल्ली, 20 दिसंबर
वित्तीय जवाबदेही केंद्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में प्रवाहित परियोजना वित्त में 2022 के स्तर की तुलना में 2023 में 63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो 30,255 करोड़ रुपये ($3.66 बिलियन) के स्तर तक पहुंच गई।
'2024 में कोयला बनाम आरई निवेश' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए परियोजना वित्त ऋण में वृद्धि हुई है, वहीं लगातार तीसरे वर्ष नई कोयला बिजली परियोजनाओं के लिए कोई परियोजना वित्त ऋण नहीं दिया गया है। हालाँकि, कोयला बिजली और खनन कंपनियों को कॉर्पोरेट वित्त ऋण कुल $3 बिलियन था।
2023 में नवीकरणीय ऊर्जा सौदों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं का वर्चस्व रहा, जो कुल का 49 प्रतिशत था, इसके बाद हाइब्रिड परियोजनाएं 46 प्रतिशत और पवन ऊर्जा 6 प्रतिशत थीं।
वित्तीय जवाबदेही केंद्र के कार्यकारी निदेशक जो अथियाली ने कहा, "हमने सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए परियोजना वित्त में लगातार वृद्धि देखी है। इससे पता चलता है कि अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेशकों का विश्वास है।"
भारत में वाणिज्यिक बैंकों से कोयला-लिंक्ड कंपनी के वित्तपोषण का 96 प्रतिशत से अधिक हिस्सा 2023 में अंडरराइटिंग के माध्यम से प्रदान किया गया था, शेष 4 प्रतिशत ऋण था।