जयपुर, 28 दिसंबर
शनिवार को जयपुर में चंदवाजी के पास जयपुर-दिल्ली हाईवे पर मेथनॉल ले जा रहा एक टैंकर पलटने से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। इस दुर्घटना के बाद जयपुर और जयपुर ग्रामीण से कई दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। जहरीली गैस लीक को नियंत्रित करने के लिए सिविल डिफेंस और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को भी तैनात किया गया।
यह घटना शनिवार दोपहर करीब 2:30 बजे हुई, जब टैंकर चालक ने सड़क पर भटकी एक गाय से टकराने से बचने के लिए अपना वाहन मोड़ा। इस घटना के कारण हाईवे के दोनों ओर यातायात को डायवर्ट करना पड़ा। आपातकालीन कर्मियों ने सुंदरपुर पुलिया और सर्विस रोड से वाहनों का मार्ग बदल दिया है, जबकि पुलिस और सिविल डिफेंस की टीमें लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलाके की बारीकी से निगरानी कर रही हैं। मेथनॉल एक अत्यधिक जहरीला रसायन है, जो काफी जोखिम भरा है, जिससे स्थिति गंभीर हो गई है। अधिकारी रिसाव को रोकने और आगे बढ़ने से रोकने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।
यह घटना हाल ही में हुए एक राजमार्ग हादसे के बाद हुई है। भांकरोटा के पास जयपुर-अजमेर राजमार्ग पर 20 दिसंबर को एक एलपीजी टैंकर में विस्फोट होने से 20 लोगों की जान चली गई थी। यह दुर्घटना तब हुई जब यू-टर्न ले रहा एक एलपीजी टैंकर सामने से आ रहे कंटेनर से टकरा गया, जिससे गैस का रिसाव हुआ और विस्फोट हो गया।
आग 500 मीटर के दायरे में फैल गई, जिससे लगभग 40 लोग घायल हो गए। चार पीड़ित जिंदा जल गए और आठ अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि 12 से अधिक लोग अभी भी गहन देखभाल में हैं।
इन लगातार राजमार्ग दुर्घटनाओं ने स्थानीय लोगों से सख्त सुरक्षा उपायों और प्रमुख मार्गों पर खतरनाक सामग्रियों के परिवहन के बेहतर विनियमन की मांग को फिर से तेज कर दिया है।
सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, अधूरा निर्माण, अचानक मोड़ और यातायात की समझ की कमी दुर्घटनाओं का कारण बनती है