चंडीगढ़, 3 जनवरी
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने शुक्रवार को इस पहल को प्राकृतिक प्रणालियों में एक अभूतपूर्व हस्तक्षेप के रूप में वर्णित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नदी-जोड़ पहल की व्यापक समीक्षा की आवश्यकता है और इसकी पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए।
उन्होंने आगाह किया कि ऐसी परियोजनाएं कृषि उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं और मानसून पैटर्न को बाधित कर सकती हैं।
यहां एक आधिकारिक बयान में संधवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मध्य प्रदेश में केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का उद्घाटन किया।
अध्यक्ष ने कहा, "हालांकि केंद्र सरकार ने कहा कि इसका उद्देश्य जल संसाधनों को सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पुनर्वितरित करना है।" उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान से संकेत मिलता है कि इस तरह के हस्तक्षेप प्राकृतिक जल विज्ञान प्रणालियों में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं।
अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की कि बड़े पैमाने पर हाइड्रोलॉजिकल संशोधन स्थापित मानसून पैटर्न को बाधित कर सकते हैं, संभावित रूप से कृषि स्थिरता को खतरे में डाल सकते हैं और देश भर में कई क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं।
उन्होंने उन्नत जल उपचार और शुद्धिकरण कार्यक्रमों को लागू करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देते हुए जल संरक्षण और पुनर्चक्रण पहल को प्राथमिकता देने की वकालत की।
केन-बेतवा लिंक परियोजना, जल संसाधन विकास और नदी कनेक्टिविटी के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना के तहत 30 नियोजित पहलों की उद्घाटन परियोजना है।