जम्मू, 16 जनवरी
जम्मू-कश्मीर सरकार ने गुरुवार को पुष्टि की कि पिछले महीने के दौरान राजौरी जिले में मौतें विषाक्त पदार्थों के कारण हुई हैं, न कि किसी संचारी रोग से। इसके बाद पुलिस ने आपराधिक पहलू की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया।
अज्ञात बीमारी के कारण 7 दिसंबर, 2024 से राजौरी जिले के कोटरंका उपमंडल के बधाल गांव में सात बच्चों सहित एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई है।
केंद्र शासित प्रदेश सरकार ने कहा कि काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजिकल रिसर्च (सीएसआईआर-आईआईटीआर) द्वारा विश्लेषण किए गए नमूनों में विषाक्त पदार्थों की पहचान की गई है। सीएसआईआर-आईआईटीआर के निष्कर्षों ने पुष्टि की कि संस्थान द्वारा विश्लेषण किए गए नमूनों में कोई वायरस या बैक्टीरिया नहीं पाया गया।
इन निष्कर्षों को जम्मू-कश्मीर सरकार को भेजे जाने के बाद, राजौरी जिले की पुलिस ने मौतों के आपराधिक पहलू की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
14 मौतों की इस शृंखला में पहली मौत 7 दिसंबर 2024 को हुई, जिसमें सात लोगों के एक ही परिवार के पांच सदस्यों की मौत हो गई.
पिछले साल 12 दिसंबर को इसी गांव में नौ लोगों के एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी.
12 जनवरी को जम्मू के एसएमजीएस अस्पताल में भर्ती कराए गए एक बच्चे की हालत अब भी गंभीर बताई जा रही है.