नई दिल्ली, 1 फरवरी
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2025-26 पेश करते हुए बुनियादी सीमा शुल्क (बीसीडी) में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए, जो विभिन्न वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित करेंगे।
बजट में आवश्यक दवाओं, इलेक्ट्रॉनिक सामान, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) घटकों और मोबाइल फोन के पुर्जों पर शुल्क छूट शामिल है। शुरू किए गए बदलावों से ये उपभोक्ताओं के लिए और अधिक किफायती हो जाएंगे।
सबसे बड़ी राहत स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मिली है, जहां सरकार ने कैंसर और पुरानी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 36 जीवन रक्षक दवाओं को बुनियादी सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट दी है।
इसके अलावा, मरीजों के लिए आवश्यक चिकित्सा उपचार को और अधिक किफायती बनाने के लिए 37 और दवाएं भी शुल्क मुक्त होंगी।
इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी उत्पाद भी सस्ते होने वाले हैं। सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक सामानों में इस्तेमाल होने वाले ओपन सेल और अन्य घटकों पर बुनियादी सीमा शुल्क कम कर दिया है।
मोबाइल फोन की कीमतों में भी कमी आएगी, क्योंकि मोबाइल फोन की बैटरी में इस्तेमाल होने वाले 28 अतिरिक्त सामानों को शुल्क से छूट दी गई है। इसी तरह, हेडफोन, वायर्ड हेडसेट, माइक्रोफोन और यूएसबी केबल को उनके उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल पर सीमा शुल्क छूट का लाभ मिलेगा। ईवी बैटरी निर्माण में इस्तेमाल होने वाले 35 अतिरिक्त सामानों पर सीमा शुल्क छूट से ईवी क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिला। सरकार ने ईवी, मोबाइल फोन और अन्य उच्च तकनीक वाले उपकरणों के निर्माण के लिए आवश्यक कोबाल्ट पाउडर, लिथियम-आयन बैटरी और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर शुल्क भी हटा दिया है। चमड़ा उद्योग में, गीले नीले चमड़े पर मूल सीमा शुल्क की छूट से निर्माताओं के लिए लागत कम होने की उम्मीद है। नतीजतन, जैकेट, जूते, बेल्ट और पर्स जैसे उत्पाद अधिक किफायती हो जाएंगे। जहाज निर्माण क्षेत्र को भी लाभ होगा क्योंकि सरकार कच्चे माल के घटकों पर शुल्क छूट को अगले 10 वर्षों के लिए बढ़ा रही है। समुद्री उत्पादों की कीमतों में गिरावट आएगी, क्योंकि मछली पेस्टुरिया पर सीमा शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। जलीय आहार उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले मछली हाइड्रोलाइज़ेट पर अब 15 प्रतिशत की बजाय 5 प्रतिशत की कम ड्यूटी लगेगी।
बजट का उद्देश्य वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर भारत के हस्तशिल्प निर्यात को मजबूत करना भी है।
घरेलू प्रौद्योगिकी क्षेत्र को समर्थन देने के लिए एक और कदम उठाते हुए, कैरियर-ग्रेड ईथरनेट स्विच पर सीमा शुल्क 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।
हालांकि, कुछ वस्तुएं अधिक महंगी हो जाएंगी। बुने हुए कपड़ों पर अब 20 प्रतिशत या 115 रुपये प्रति किलोग्राम, जो भी अधिक हो, की उच्च सीमा शुल्क लगेगी।
सरकार ने टीवी में इस्तेमाल होने वाले फ्लैट-पैनल डिस्प्ले पर भी शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है, जिससे टेलीविजन की कीमतों में वृद्धि होने की उम्मीद है।
इस कदम का उद्देश्य उलटे शुल्क ढांचे को सही करना और टीवी घटकों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना है।
इसके अतिरिक्त, 1,600 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलों पर अब 50 प्रतिशत से कम करके 40 प्रतिशत सीमा शुल्क लगेगा।