श्री फतेहगढ़ साहिब/19 फरवरी:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
श्री गुरु ग्रंथ साहिब वर्ल्ड विश्वविद्यालय फतेहगढ़ साहिब द्वारा बसंत कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया। परिसर के गुरुद्वारा साहिब में कीर्तन दरबार में विभिन्न विभागों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों ने भाग लिया। उप कुलपति प्रो. प्रित पाल सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में नया सम सत्र बसंत कीर्तन दरबार के साथ शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब के छंदों को बसंत राग के अनुसार गाया जाता है। इस मौके पर संबोधित करते हुए डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. सुखविंदर सिंह बिलिंग ने कहा कि गुरमत में संगीत का बहुत महत्व है। कीर्तन दरबार की परंपरा श्री गुरु अर्जन देव जी के समय से चली आ रही है। माघी से होले महल्ला तक जहां भी बसंत कीर्तन दरबार होते हैं, प्रत्येक कीर्तन चौंकी में एक शबद बसंत राग अनिवार्य रूप से गाया जाता है और शबद चौंकी बसंत की वार के साथ समाप्त होती है। उन्होंने कहा कि गुरमत में दो प्रकार के शुद्ध और मिश्रित बसंत राग का गायन स्वीकार्य है। शब्द चौकी में संगीत विभाग के स्टाफ और विद्यार्थियों ने शब्द गायन किया। संगीत विभाग के प्रमुख श्प्रीत सिंह ने सहायक प्रोफेसर शिवानी के साथ राग बसंत हिंडोल में शबद गायन किया। डॉ. स्वरलीन कौर, रविंदर कौर और शबनम ने राग बसंत में शबद गायन किया। इस मौके पर डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. सिकंदर सिंह, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष/प्रभारी, टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए।