पेशावर, 19 फरवरी
पाकिस्तान में स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले की एक और घटना में, अज्ञात बंदूकधारियों ने एक पुलिस अधिकारी की उस समय हत्या कर दी, जब वह पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर जिले के दामादोला, मामुंड में पोलियो टीकाकरण टीम को सुरक्षा प्रदान कर रहा था।
बाजौर पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मोटरसाइकिल सवार बंदूकधारियों ने पोलियो टीकाकरण टीम पर हमला किया, जो बच्चों को पोलियो की खुराक देने के लिए घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान चला रही थी। पोलियो टीम की सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी की हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी और बाद में घटनास्थल से भाग गए। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की कि पुलिसकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई।
अफगानिस्तान की सीमा से लगा अशांत क्षेत्र बाजौर, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का गढ़ रहा है तथा यह आतंकवादी समूहों और पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के बीच युद्ध का मैदान रहा है। यह क्षेत्र पोलियो उन्मूलन अभियानों के प्रति संवेदनशील, आलोचनात्मक और अरुचिकर माना जाता है, जहां पोलियो कार्यकर्ताओं, सुरक्षा बलों और उनके समर्थकों को नियमित रूप से आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया जाता है और उनकी हत्या कर दी जाती है।
क्षेत्र के निवासियों ने पोलियो टीकाकरण अभियान का हिस्सा बनने से खुद को दूर रखा है, क्योंकि आतंकवादी समूहों ने उन्हें खुलेआम धमकी दी है कि अगर उन्होंने पोलियो कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में काम करने दिया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इस महीने की शुरुआत में, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक अन्य जिले जमरूद में पोलियो कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात एक पुलिसकर्मी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पिछले कुछ दशकों में सैकड़ों पोलियो कार्यकर्ताओं को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाया गया और उनकी हत्या कर दी गई। आंकड़ों के अनुसार, 1990 के दशक से अब तक पाकिस्तान में 200 से अधिक पोलियो कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं तथा आतंकवादियों द्वारा हमले तेज करने के कारण यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
विभिन्न उग्रवादी समूहों का दावा है कि पोलियो टीकाकरण अभियान बच्चों को नसबंदी करने की पश्चिमी साजिश का हिस्सा है।
इससे स्थानीय लोगों में चिंता फैल गई है, क्योंकि उन्हें डर है कि अगर वे अपने बच्चों को टीका लगवाएंगे तो उनकी जान को खतरा हो सकता है।
पाकिस्तान दशकों से पोलियो वायरस को मिटाने के लिए संघर्ष कर रहा है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान विश्व में अब भी ऐसे दो देश हैं जहां पोलियो के मामले सामने आते रहते हैं।
2024 के दौरान, पाकिस्तान में पोलियो वायरस के कम से कम 73 मामले सामने आये। इनमें से 27 मामले बलूचिस्तान से, 22 खैबर पख्तूनख्वा (केपी) से, 22 सिंध प्रांत से तथा पंजाब और संघीय राजधानी इस्लामाबाद से एक-एक मामले सामने आए।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 2 फरवरी को वर्ष का पहला पोलियो टीकाकरण अभियान शुरू किया था, जिसका लक्ष्य पांच वर्ष से कम आयु के कम से कम 44.2 मिलियन बच्चों को टीका लगाना था।