गुरुग्राम, 28 फरवरी
गुरुग्राम पुलिस के साइबर अपराध थाने (दक्षिण) ने एक पूर्व कर्मचारी और उसके साथी को कंपनी के सॉफ्टवेयर को हैक करके कंपनी के खाते से धोखाधड़ी कर 23 लाख रुपये ट्रांसफर करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, कंपनी के खाते से विभिन्न बैंक खातों में बड़ी रकम धोखाधड़ी से स्थानांतरित करने के संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले में ठगी करके निकाले गए 23 लाख रुपये में से 9 लाख रुपये जब्त कर लिए तथा दो अपराधियों को शुक्रवार को गुरुग्राम के बादशाहपुर क्षेत्र से काबू कर लिया।
आरोपियों की पहचान दिल्ली के सोनिया विहार निवासी रोहित गुप्ता और दिल्ली के न्यू रोशनपुरा नजफगढ़ निवासी जतिन मलिक के रूप में हुई है। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी रोहित एक महीने पहले तक कंपनी में काम कर रहा था।
उसके झगड़ालू व्यवहार के कारण कंपनी ने उसे नौकरी से निकाल दिया। बदला लेने के लिए आरोपी ने अपने अन्य साथी जतिन के साथ मिलकर इस मामले में कंपनी के सॉफ्टवेयर को हैक करके धोखाधड़ी से विभिन्न बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर करने का अपराध किया।
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि, "इस मामले में कंपनी के सॉफ्टवेयर को हैक करके धोखाधड़ी करने के लिए आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किया गया 01 लैपटॉप भी आरोपियों के कब्जे से बरामद कर लिया गया है। शेष राशि की बरामदगी के लिए पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है।"
गुरुग्राम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने दावा किया कि साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए पुलिस अन्य एजेंसियों और संगठनों के साथ मिलकर काम कर रही है।
एसीपी (साइबर क्राइम) प्रियांशु दीवान ने कहा, "साइबर जालसाज लोगों को अच्छे मुनाफे का लालच देकर, शेयर बाजार में निवेश, टास्क आधारित धोखाधड़ी, ऑनलाइन सस्ते सामान खरीदने/बेचने के नाम पर, व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिए सेक्सटॉर्शन, मॉर्फिंग, विभिन्न माध्यमों से लिंक भेजकर, फर्जी मामले में फंसाने के नाम पर कस्टम अधिकारी/पुलिस अधिकारी बनकर, अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर, आपराधिक मामले में फंसाने का डर दिखाकर लोगों को डिजिटल रूप से गिरफ्तार करके आदि धोखाधड़ी करते हैं।"