नई दिल्ली, 4 मार्च
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने बसों और ट्रकों में हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिए पाँच पायलट परियोजनाएँ शुरू की हैं।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस मिशन के तहत परिवहन क्षेत्र में ऑयलोट परियोजनाओं को लागू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे।
विस्तृत जांच के बाद, मंत्रालय ने कुल 37 वाहनों (बसों और ट्रकों) और 9 हाइड्रोजन ईंधन भरने वाले स्टेशनों से युक्त पांच पायलट परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
परीक्षण के लिए जिन वाहनों को तैनात किया जाएगा उनमें 15 हाइड्रोजन ईंधन सेल-आधारित वाहन और 22 हाइड्रोजन आंतरिक दहन इंजन-आधारित वाहन शामिल हैं।
ये वाहन देश भर में 10 अलग-अलग मार्गों पर चलेंगे - ग्रेटर नोएडा-दिल्ली-आगरा; भुवनेश्वर-कोणार्क-पुरी; अहमदाबाद-वडोदरा-सूरत; साहिबाबाद-फरीदाबाद-दिल्ली; पुणे-मुंबई; जमशेदपुर-कलिंग नगर; तिरुवनंतपुरम-कोच्चि; कोच्चि-एडप्पल्ली; जामनगर-अहमदाबाद; और NH-16 विशाखापत्तनम-बय्यावरम।
मंत्रालय ने कहा, "उपरोक्त परियोजनाएं टाटा मोटर्स लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एनटीपीसी, एएनईआरटी, अशोक लीलैंड, एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल जैसी प्रमुख कंपनियों को प्रदान की गई हैं।"
उपलब्ध करायी गयी चयनित परियोजनाओं के लिए सरकार की ओर से कुल वित्तीय सहायता लगभग 208 करोड़ रुपये होगी।