नई दिल्ली, 4 मार्च
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस साल फरवरी में भारत की बिजली खपत बढ़कर 131.54 बिलियन यूनिट (बीयू) हो गई, जो पिछले साल इसी महीने में 127.34 बीयू थी।
चरम बिजली मांग को पूरा करने के लिए एक दिन में उच्चतम आपूर्ति भी फरवरी 2024 में 222 गीगावॉट की तुलना में बढ़कर 238.14 गीगावॉट हो गई।
मई 2024 में चरम बिजली की मांग लगभग 250 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। 243.27 गीगावॉट की पिछली सर्वकालिक उच्च शिखर बिजली मांग सितंबर 2023 में दर्ज की गई थी।
सरकारी अनुमान के मुताबिक, 2025 की गर्मियों में बिजली की अधिकतम मांग 270 गीगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है।
आईएमडी के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, मार्च में बिजली की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जो सामान्य से अधिक गर्म होने की उम्मीद है। 1901 के बाद से फरवरी माह में अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया जा चुका है।
भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसके कारण बिजली की खपत में भी तेजी से वृद्धि हुई है। चुनौती उच्च आर्थिक विकास और लगभग 1.3 अरब लोगों की बिजली खपत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार, वर्ष 2026-27 के लिए अनुमानित अखिल भारतीय चरम बिजली की मांग 277.2 गीगावॉट है और विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता 1907.8 बीयू है, जबकि 20वें इलेक्ट्रिक पावर सर्वे (ईपीएस) मांग अनुमान के अनुसार, 2031-32 के लिए आंकड़े क्रमशः 366.4 गीगावॉट और 2473.8 बीयू हैं।