नई दिल्ली, 8 मार्च
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) द्वारा शनिवार को किए गए एक नए अध्ययन में तेजी से बढ़ते लॉजिस्टिक्स उद्योग में लैंगिक विविधता बढ़ाने के लिए नीतिगत उपायों की सिफारिश की गई है, जिसके 2025 तक 380 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
DPIIT के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने भारत-जर्मन विकास सहयोग परियोजना, "भारत में जलवायु अनुकूल ग्रीन फ्रेट ट्रांसपोर्ट (ग्रीन फ्रेट प्रोजेक्ट)" के तहत ड्यूश गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनेल ज़ुसामेनारबीट (GIZ) GmbH के सहयोग से तैयार "भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में महिलाओं की भागीदारी को सक्षम बनाना" शीर्षक से अध्ययन जारी किया।
अध्ययन में भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि और रणनीतियों पर प्रकाश डाला गया।
इसमें भारत के लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी की वर्तमान स्थिति का आकलन किया गया, उनके समावेशन में बाधा डालने वाली प्रमुख चुनौतियों का विश्लेषण किया गया और लैंगिक विविधता को बढ़ाने के लिए नीतिगत उपायों की सिफारिश की गई।
भाटिया ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (एनएलपी) और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के लिए सरकार के दृष्टिकोण के संदर्भ में अध्ययन के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, "जैसा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं, एक चीज जो देश को आगे ले जाएगी, वह है महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास। लॉजिस्टिक्स जैसे उच्च विकास वाले क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना न केवल समानता का मामला है, बल्कि एक आर्थिक आवश्यकता भी है।"