चंडीगढ़, 19 मार्च
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने किसानों से अपने मुद्दे हल करने के लिए सहयोगात्मक और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पंजाब की सीमाएं एक साल से अधिक समय से अवरुद्ध हैं, जिससे बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है, निवेश कम हुआ है और पर्यटन में गिरावट आई है।
कंग ने कहा, "हर पंजाबी किसानों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है। चाहे वह काले कृषि कानून हों या कोई अन्य चुनौती, पंजाब के लोगों-शहरी, ग्रामीण, युवा, किसान, मजदूर और व्यापारीयों ने पूरे दिल से किसान आंदोलनों का समर्थन किया है। काले कृषि कानूनों को निरस्त करना एकता माध्यम से ही हासिल की गई जीत थी।"
कंग ने पंजाब पर लंबे समय तक सीमा बंद रहने के प्रतिकूल प्रभावों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, "पंजाब की सीमाएं बंद होने से खासकर शंभू में, न केवल धार्मिक पर्यटन प्रभावित हुआ है बल्कि दरबार साहिब जैसे पवित्र स्थानों पर जाने वाले भक्तों की संख्या में भी गिरावट आई है। सबसे बड़ी चुनौती निवेश की कमी है, जो सीधे तौर पर औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन से जुड़ा है। यह एक गंभीर मुद्दा है क्योंकि बेरोजगारी पंजाब में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के मूल कारणों में से एक है।"
उन्होंने कृषक समुदाय से अपने संघर्ष के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया और कहा कि किसानों की अधिकांश मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं। इसलिए हमें अपनी सीमाओं को अवरुद्ध करके पंजाब को और अधिक आर्थिक नुकसान पहुंचाने के बजाय इस लड़ाई को दिल्ली ले जाने की जरूरत है। इस नाकाबंदी के कारण पंजाब की अर्थव्यवस्था, निवेश और पर्यटन को नुकसान हो रहा है।"
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी का समाधान पंजाब में अधिकतम निवेश और औद्योगिक विकास लाने में निहित है। हम अनजाने में अपने राज्य में संभावित निवेश को रोक रहे हैं। इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी रणनीतियां पंजाब के विकास और समृद्धि को नुकसान न पहुंचाएं।
किसानों के प्रति अपना समर्थन दोहराते हुए कंग ने कहा कि हम अपने किसान भाइयों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करें और अपनी लड़ाई को केंद्र सरकार के पास स्थानांतरित करें। उन्होंने कहा कि आइए हम अपने राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाए बिना पंजाब की बेहतरी के लिए एकजुट हों।