नई दिल्ली, 26 मार्च
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) दिशा-निर्देशों में हाल ही में किए गए संशोधनों से अर्थव्यवस्था को और तेज़ी से बढ़ने में मदद मिलेगी और उत्पादन के कारकों, मुख्य रूप से एमएसएमई, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों, आवास और निर्यात आदि के निर्माण खंडों को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, बुधवार को SBI रिसर्च की एक रिपोर्ट में कहा गया।
RBI ने इस सप्ताह PSL पर संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए ताकि अर्थव्यवस्था के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को बैंक ऋण का बेहतर लक्ष्यीकरण किया जा सके। नए दिशा-निर्देश 1 अप्रैल से लागू होंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, संशोधित PSL दिशा-निर्देश आवास ऋण सहित कई ऋण सीमाओं को बढ़ाने, PSL कवरेज को बढ़ाने और उन उद्देश्यों को व्यापक बनाने के लिए हैं जिनके आधार पर ऋणों को ‘नवीकरणीय ऊर्जा’ के अंतर्गत वर्गीकृत किया जा सकता है।
शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए समग्र पीएसएल लक्ष्य में भी संशोधन किया गया है, जो समायोजित शुद्ध बैंक ऋण (एएनबीसी) या ऑफ-बैलेंस शीट एक्सपोजर (सीईओबीएसई) के बराबर ऋण का 60 प्रतिशत है, जो भी अधिक हो। रिपोर्ट में कहा गया है, "आवास खंड में निर्धारित उच्च सीमा से विभिन्न जनसंख्या समूहों में कम लागत/किफायती आवास को बढ़ावा मिलेगा, विशेष रूप से टियर- IV/V/VI शहरों में, जहां बैंक, गैर-बैंक खिलाड़ियों के साथ, महामारी के बाद खुद के/व्यक्तिगत आवास की मांग में वृद्धि को देखते हुए अपनी अगली सोने की खान पा सकते हैं।"