नई दिल्ली, 8 अप्रैल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल में शिक्षकों के संकट में हस्तक्षेप करने की मांग की। यह संकट सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से उत्पन्न हुआ है, जिसमें राज्य में 26,000 से अधिक शिक्षकों की भर्ती को बड़ा झटका लगा है।
राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे अपने दो पन्नों के पत्र में राहुल ने कहा कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए शिक्षकों को दागी शिक्षकों के समान मानना उनके साथ गंभीर अन्याय होगा और इसलिए दोनों के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण है - एक निष्पक्ष तरीके से चुने गए शिक्षक और दूसरा दागी, अनुचित तरीके से चुने गए शिक्षक।
26,000 नौकरियों के नुकसान से उत्पन्न संकट की ओर राष्ट्रपति का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने राष्ट्रपति से इसका जायजा लेने और 'निवारण' के लिए कुछ कदम उठाने का आग्रह किया।
कांग्रेस सांसद ने पत्र में लिखा, "मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया उनके अनुरोध पर सकारात्मक रूप से विचार करें और सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निष्पक्ष तरीके से चुने गए उम्मीदवारों को जारी रखने की अनुमति दी जाए।"
उन्होंने आगे लिखा, "अधिकांश बेदाग शिक्षक लगभग एक दशक से सेवा कर रहे हैं। उन्हें नौकरी से निकालने से लाखों छात्रों को बिना पर्याप्त शिक्षकों के कक्षाओं में जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उनकी मनमानी बर्खास्तगी से उनका मनोबल टूट जाएगा और उनके परिवारों को उस चीज़ से वंचित होना पड़ेगा जो अक्सर आय का एकमात्र स्रोत होता है।"