श्रीनगर, 24 अप्रैल
पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद एहतियाती कदम उठाते हुए अधिकारियों ने कश्मीर में पीएम के पुनर्वास पैकेज के तहत काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को 27 अप्रैल तक घर से काम करने का निर्देश दिया है
बारामुल्ला के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शुरू में जारी किए गए आदेशों को बाद में घाटी के अन्य जिलों के अधिकारियों द्वारा प्रसारित किया गया, जिसमें पीएम पैकेज के कर्मचारियों को 27 अप्रैल तक घर से काम करने और अपने तैनाती स्थलों पर न जाने को कहा गया।
पीएम के पुनर्वास पैकेज की घोषणा केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार ने विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए की थी, जिन्हें 1990 के दशक में आतंकवादियों की धमकियों के कारण अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
पीएम पैकेज के तहत सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देने का फैसला पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद आया है, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकवादियों ने 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक सहित 26 लोगों की हत्या कर दी थी।
आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए एक बड़ा अभियान चल रहा है। ड्रोन, हेलीकॉप्टर, निगरानी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और खोजी कुत्तों का उपयोग करके तकनीक की सहायता से यह अभियान चलाया जा रहा है।
भारत ने जम्मू और कश्मीर में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित और निर्देशित आतंकवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए 1960 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है।
अटारी सीमा क्रॉसिंग पॉइंट को बंद कर दिया गया है। पाकिस्तान में भारत के उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30 प्रतिशत कर दी गई है।