लखनऊ, 26 अप्रैल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को उत्तर प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी और सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक और राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता वाली गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे।
पहले यह निरीक्षण सोमवार (28 अप्रैल) को होना था, लेकिन अब इसे एक दिन आगे बढ़ा दिया गया है। अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री तीन प्रमुख जिलों हरदोई, शाहजहांपुर और हापुड़ में जमीनी स्तर पर प्रगति की समीक्षा करेंगे।
गौरतलब है कि योगी सरकार उत्तर प्रदेश को बुनियादी ढांचे, निवेश और रोजगार के मामले में अग्रणी राज्य बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना पर विशेष जोर दिया है और इसे समय पर पूरा करने पर जोर दिया है, ताकि लोगों को अधिकतम लाभ मिल सके और क्षेत्रीय विकास को गति मिल सके।
रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेसवे का निरीक्षण करेंगे। उनका दौरा मेरठ-बदायूं खंड के अंतर्गत आलमनगर बांगर गांव (गढ़मुक्तेश्वर तहसील, हापुड़ जिला) में चेनेज 62+200 से शुरू होगा। इसके बाद वह बदायूं-हरदोई खंड के अंतर्गत पीरू गांव (जलालाबाद तहसील, शाहजहांपुर जिला) में चेनेज 242+650 और उसके बाद हरदोई-उन्नाव खंड के अंतर्गत हसनपुर गोपाल गांव (बिलग्राम तहसील, हरदोई जिला) में चेनेज 347+000 का दौरा करेंगे।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के निर्देशानुसार प्रत्येक स्थल पर गंगा एक्सप्रेसवे की प्रगति रिपोर्ट संबंधित जिला प्रशासन के सहयोग से मुख्यमंत्री को प्रस्तुत की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) द्वारा निर्मित किया जा रहा गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक लगभग 600 किलोमीटर तक फैले राज्य के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों को जोड़ेगा।
यह एक्सप्रेसवे न केवल राज्य में औद्योगिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को भी मुख्यधारा में शामिल करेगा। इससे कृषि, व्यापार, पर्यटन और निवेश में नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर, 2021 को शाहजहांपुर में इस एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी। इस परियोजना के जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है। गंगा एक्सप्रेसवे को पीएम गति शक्ति पहल में एक प्रमुख योगदानकर्ता माना जाता है, जिसका उद्देश्य भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में आगे बढ़ाना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से इस परियोजना की देखरेख कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण उच्चतम गुणवत्ता मानकों के साथ और निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा हो।