चंडीगढ़, 26 अप्रैल
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए पहाड़ी इलाकों में अधिक से अधिक चेक डैम बनाएं।
मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री घोषणाओं’ से संबंधित गृह, राजस्व, पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव तथा परिवहन सहित विभिन्न विभागों की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा, “इससे भूजल स्तर को बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।”
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि वे 29 अप्रैल को शेष विभागों की समीक्षा करेंगे। सैनी ने अधिकारियों से कहा कि चेक डैम के निर्माण में किसी भी कीमत पर गुणवत्ता से समझौता न किया जाए। उन्होंने सभी पुराने चेक डैम की वर्तमान स्थिति की जांच करने तथा उनकी मरम्मत करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मानसून के दौरान सड़कों के किनारे पौधे लगाने तथा उनके अस्तित्व को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे प्रत्येक जिले में कम से कम दो ‘ऑक्सीवन’ स्थापित करने की योजना को मूर्त रूप दें। घग्गर नदी को साफ करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर नदी में छोड़े जाने से पहले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के माध्यम से मल का उपचार किया जा रहा है। यदि ऐसी कोई शिकायत मिलती है कि सीवेज का उपचार नहीं किया जा रहा है तो एसटीपी ठेकेदार पर जुर्माना लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ‘सीएम घोषणाओं’ से संबंधित परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि परियोजना के पूरा होने में देरी होने से उसकी लागत भी बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी वैध कारण से कार्य पूरा होने में देरी होती है तो अधिकारी फाइल में ‘देरी का कारण’ अवश्य लिखें। उन्होंने भविष्य में एचएसआईआईडीसी के औद्योगिक क्षेत्रों में फायर ब्रिगेड के कार्यालय के लिए स्थान सुनिश्चित करने को कहा ताकि औद्योगिक क्षेत्रों में आग लगने की किसी भी घटना पर काबू पाने में देरी न हो। उन्होंने अधिकारियों को पूरी ईमानदारी से काम करने की सलाह देते हुए कहा कि वे विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं को पूरा करने में पूरी पारदर्शिता बरतें।