हाल ही में देश की जुडिशियरी में घटी घटनाओं को लेकर सांसद राघव चड्ढा ने आज राज्य सभा में सवाल उठाए। उन्होंने राज्यसभा को दिए अपने संबोधन में देश में न्यायिक सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के लोग अदालत को न्याय का मंदिर मानते हैं और जब कोई आम नागरिक इसकी चौखट पर जाता है, तो उसे पूरा भरोसा होता है कि उसे न्याय जरूर मिलेगा। सांसद राघव चड्ढा ने आगे कहा, "जैसे ऊपरवाले के दरबार में देर हो सकती है, लेकिन अंधेर नहीं होता, वैसे ही यह माना जाता है कि न्यायपालिका में भले ही समय लगे, लेकिन अन्याय नहीं होगा।"
उन्होंने आगे कहा कि समय-समय पर न्यायपालिका ने इस भरोसे को और मजबूत किया है, लेकिन हाल के दिनों में कुछ घटनाओं ने देश को चिंतित कर दिया है, जिसके चलते न्यायिक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी हो गया है।
सांसद राघव चड्ढा ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि जिस तरह देश में चुनाव सुधार, पुलिस सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हुए हैं, उसी तरह न्यायपालिका में भी सुधारों की जरूरत है। उन्होंने कहा, "हमें ऐसे सुधार चाहिए जो न्यायपालिका को मजबूत करें, न कि उसे कमजोर करें।"