श्री फतेहगढ़ साहिब/ 9 मई:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत विश्वविद्यालय ने आज नाभा में जी-20 स्कूल कनेक्ट लीडरशिप सम्मेलन पुरस्कार का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में डीबीयू द्वारा नाभा सर्किल के प्रिंसिपलों को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए स्मृति चिह्न और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।इससे पहले यहां आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीबीयू के उपाध्यक्ष डा. हर्ष सदावर्ती ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। स्कूलों में टेक्नोलॉजी की भूमिका अहम है। अब विद्यार्थी लर्निंग के नए तरीके पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि डीबीयू स्टूडेंट्स की प्लेसमेंट के लिए प्रतिबद्ध है, इसके मद्देनजर इन दिनों काफी जॉब फेयर लगाए जा रहे हैं, जिसमें देश के नामचीन ब्रांड शिरकत करते हुए नौकरियों के अवसर प्रदान कर रहे हैं।विद्यार्थियों के पढ़ाई के प्रति जुनून को देखते हुए पेरेंट्स भी सीरियस हो गए हैं, इससे इनके बाहर जाने के रुझान में कमी आएगी। डीबीयू में पैन इंडिया दस हजार विद्यार्थी शिक्षा ले रहे हैं, इसमें 25 देशों से करीब 700 विद्यार्थी हैं। शक्ति स्कॉलरशिप, जरूरतमंद, सिंगल गर्ल चाइल्ड जैसी कई तरह की स्कॉलरशिप यूनिवर्सिटी दे रही हैं, इनमें 200 से अधिक कोर्स कराए जा रहे हैं।जी-20 कार्यक्रम में सभी प्रिंसिपलों ने पैनल चर्चा की। पैनल चर्चा में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों नई शिक्षा नीति को समझना, शिक्षा क्षेत्र में आगामी प्रौद्योगिकी का रुख, कक्षाओं में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को सम्मिलित करना, छात्र कल्याण को प्राथमिकता देना, सक्रिय और प्रयोगात्मक शिक्षा विधियों को प्रोत्साहित करना, उद्यमिता शिक्षा को प्रोत्साहित करना, शिक्षा में वैश्विक चुनौतियों का सामना करते हुए रचनात्मकता और कौशल को बढ़ाने के साथ ही स्वास्थ्य और खेल शिक्षा को प्रोत्साहित करना रहा। जी20 स्कूल कनेक्ट लीडरशिप सम्मेलन में नेतृत्व, शिक्षा में नवाचार और सामुदायिक जुड़ाव से संबंधित शख्सियतों को पुरस्कृत किया गया। इनमें प्रिंसिपल हरकवल जीत कौर, पूनम रानी, परविंदर शर्मा, शरणप्रीत कौर, सुमीरा शर्मा, हरजसबीर सिंह, अश्वनी मदान, अमित गर्ग, गुरदीप सिंह, हरिंदरजीत सिंह, खुशपिंदर कौर खेड़ा, शैलेंदर शर्मा, संदीप कुमार, संगीता जख्मी, सुखविंदर सिंह, कविता कपूर, बिलसन शर्मा, गुरप्रीत कौर, दिलबर खान, इंदरप्रीत सिंह, संजय ठाकुर, अनु बातिश, अनिल कुमार, प्रबल प्रताप सहगल जैसी विशिष्ट शख्सियतों को उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया गया।