गुवाहाटी/अगरतला, 17 अक्टूबर
एक अधिकारी ने बताया कि असम के दीमा हसाओ जिले के डिबालोंग में गुरुवार को अगरतला-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस के इंजन और पावर कार के अलावा कुल छह डिब्बे पटरी से उतर गए। हालांकि, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
यह दुर्घटना पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के लुमडिंग डिवीजन में हुई।
एनएफआर अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोगों को मामूली चोटें आई हैं। उनमें से एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि किसी के हताहत होने या गंभीर रूप से घायल होने की खबर नहीं है।
अधिकारियों ने बताया कि मुंबई जाने वाली अगरतला-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस गुरुवार सुबह अगरतला स्टेशन से रवाना हुई।
डिबालोंग में शाम करीब 4 बजे पावर कार और इंजन समेत छह डिब्बे पटरी से उतर गए।
एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि बचाव और बहाली कार्यों की निगरानी के लिए लुमडिंग डिवीजन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक दुर्घटना राहत ट्रेन और दुर्घटना राहत चिकित्सा ट्रेन पहले ही लुमडिंग से घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है।
इस बीच, लुमडिंग-बदरपुर सिंगल लाइन सेक्शन पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है।
सीपीआरओ ने बताया कि पटरी से उतरने के कारण कई ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।
रद्द की गई ट्रेनों में गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी स्पेशल ट्रेन, रंगिया-सिलचर-रंगिया एक्सप्रेस, न्यू जलपाईगुड़ी-गुवाहाटी स्पेशल ट्रेन और सिलचर-गुवाहाटी-सिलचर एक्सप्रेस शामिल हैं।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, डिब्बों के पटरी से उतरने के कारण गुरुवार और शुक्रवार को मणिपुर, दक्षिणी असम, त्रिपुरा और मिजोरम के बीच ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहेंगी।
मणिपुर, दक्षिणी असम, त्रिपुरा और मिजोरम को जोड़ने वाली कई एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनें पहाड़ी दीमा हसाओ जिले में स्थित लुमडिंग-बदरपुर हिल सेक्शन के सिंगल ट्रैक से होकर गुजरती हैं।
दक्षिणी असम, त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के लोग हर साल मानसून के दौरान बाढ़ की मार झेलते हैं, जबकि जून से सितंबर तक चलने वाले चार महीने लंबे मानसून के दौरान बाढ़ और भूस्खलन के कारण रेलवे ट्रैक, स्टेशन और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचता है।