मुंबई, 22 अक्टूबर
वैश्विक संकेतों के कमजोर रहने के बीच मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, क्योंकि पीएसयू बैंक, मेटल और रियल्टी सेक्टर में भारी बिकवाली देखने को मिली।
गिरावट के चलते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप करीब 9 लाख करोड़ रुपये घटकर 445 लाख करोड़ रुपये रह गया।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 930.55 अंकों यानी 1.15 फीसदी की भारी गिरावट के बाद 81,151.27 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 309.00 अंकों यानी 1.25 फीसदी की गिरावट के बाद 24,472.10 पर बंद हुआ।
कारोबार के अंत में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 1503.65 अंकों यानी 2.61 फीसदी की गिरावट के बाद 56,174.05 पर लाल निशान में बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 736.40 अंक या 3.92 फीसदी की गिरावट के साथ 18,061.00 पर बंद हुआ।
निफ्टी बैंक 705.55 अंक या 1.36 फीसदी की गिरावट के साथ 51,257.15 पर बंद हुआ। निफ्टी के ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, वित्तीय सेवाएं, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, मीडिया, ऊर्जा, निजी बैंक, इंफ्रा और कमोडिटी सेक्टर में बिकवाली देखी गई।
बाजार का रुख नकारात्मक रहा। बीएसई पर 576 शेयर हरे निशान में और 3,407 शेयर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। करीब 75 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए।
आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल को छोड़कर सेंसेक्स पैक में सभी प्रमुख शेयर लाल निशान में बंद हुए।
भेल, कोल इंडिया, एमएंडएम, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एसबीआई और हिंडाल्को निफ्टी पैक में सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयर रहे। वहीं इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल सबसे ज्यादा बढ़ने वाले शेयर रहे।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, घरेलू बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच मंदी का माहौल हावी रहा, जिसमें छोटे और मध्यम आकार के शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। विशेषज्ञों ने कहा, "आरबीआई के नवीनतम बुलेटिन ने वित्त वर्ष 25 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर के 7.2 प्रतिशत के पूर्वानुमान को बरकरार रखा है, जो बताता है कि दूसरी तिमाही की मंदी अस्थायी है, त्योहारी सीजन में खपत में तेजी आने की उम्मीद है और आय में गिरावट का दबाव कम होगा।"