नई दिल्ली/चंडीगढ़, 27 नवंबर 2024
आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद मलविंदर सिंह कंग ने आज लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिससे पंजाब के लोगों से संबंधित एक जरूरी और संवेदनशील मुद्दा सामने आया। प्रस्ताव में पंजाब राज्य भारतीय दंड संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक 2018 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक 2018 के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी में तेजी लाने के लिए भारत सरकार के हस्तक्षेप की मांग की गई है। इन विधेयकों में किसी भी धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कार्यों के लिए आजीवन कारावास सहित कड़ी सजा का प्रावधान है।
मीडिया को जानकारी देते हुए, मलविंदर कंग ने कहा कि सभी धार्मिक ग्रंथों, चाहे वह श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी हो, श्रीमद्भगवद्गीता हो, कुरान या बाइबिल हो, सभी की पवित्रता बरकरार रखा जाना चाहिए। इसके लिए पंजाब विधान सभा ने 2018 में सर्वसम्मति से इन विधेयकों को पारित किया था, लेकिन वे छह साल बाद भी राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए लंबित हैं।
उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि डर का माहौल पैदा करने और धार्मिक भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाने वाली बेअदबी की बार-बार होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं। हम भारत सरकार से शीघ्र कार्रवाई करने की अपील करते हैं ताकि पंजाब व देश भर के लाखों लोगों की धार्मिक भावनाओं की रक्षा हो सके।
बेअदबी की बढ़ती घटनाओं पर प्रकाश डालते हुए, कंग ने भारत जैसे देश में धार्मिक सद्भाव की रक्षा के लिए सख्त कानूनों की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि संविधान में भी धर्मनिरपेक्षता और विविध आस्थाओं का सम्मान निहित है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से निजी हितों से ऊपर उठने और भारत के धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक लोकाचार को संरक्षित करने के लिए इन विधेयकों की मंजूरी के लिए सामूहिक रूप से जोर देने का आह्वान किया।