नई दिल्ली, 2 दिसंबर
संवर्धन विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल-सितंबर में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 45 प्रतिशत बढ़कर 29.79 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 की समान अवधि में यह 20.5 बिलियन डॉलर था। उद्योग और आंतरिक व्यापार (डीपीआईआईटी)।
एफडीआई से लाभान्वित अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों में सेवाएँ, ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, आईटी हार्डवेयर, दूरसंचार और फार्मास्यूटिकल्स और रसायन शामिल हैं।
एफडीआई प्रवाह से बेहतर प्रौद्योगिकी के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में अधिक निवेश और रोजगार सृजन होता है।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान सेवाओं में एफडीआई बढ़कर 5.69 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 3.85 अरब डॉलर था।
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि गैर-पारंपरिक ऊर्जा में एफडीआई प्रवाह 2 बिलियन डॉलर था।
चालू वित्त वर्ष के दौरान जुलाई-सितंबर तिमाही में एफडीआई प्रवाह 43 प्रतिशत बढ़कर 13.6 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि 2023-24 की समान तिमाही में यह 9.52 बिलियन डॉलर था।
पिछली अप्रैल-जून तिमाही में, देश में 47.8 प्रतिशत से 16.17 बिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई थी।