नई दिल्ली, 26 दिसंबर
उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, देश में जीवन बीमा क्षेत्र में सूक्ष्म बीमा प्रीमियम वित्त वर्ष 24 में पहली बार 10,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
सूक्ष्म बीमा किफायती उत्पादों की पेशकश के माध्यम से कम आय वर्ग के लोगों की मदद करता है।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) के आंकड़ों के अनुसार, जीवन बीमा के सूक्ष्म-बीमा खंड में नया व्यवसाय प्रीमियम (एनबीपी) वित्त वर्ष 2024 में 10,860.39 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 23 में 8,792.8 करोड़ रुपये से 23.5 प्रतिशत अधिक है।
जहां व्यक्तिगत एनबीपी 23.78 प्रतिशत घटकर 152.57 करोड़ रुपये हो गया, वहीं समूह एनबीपी 24.61 प्रतिशत बढ़कर 10,707.82 करोड़ रुपये हो गया।
IRDAI के आंकड़ों के मुताबिक, FY24 में माइक्रो-इंश्योरेंस एजेंटों की संख्या 102,000 थी। उनमें से लगभग 19,166 सार्वजनिक क्षेत्र के जीवन बीमाकर्ताओं के हैं और बाकी निजी क्षेत्र के जीवन बीमाकर्ताओं के हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि सूक्ष्म-बीमा एजेंटों में, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) 4.49 प्रतिशत, स्वयं सहायता समूह 0.25 प्रतिशत, माइक्रोफाइनेंस संस्थान 0.24 प्रतिशत, व्यापार संवाददाता 0.12 प्रतिशत और अन्य 94.90 प्रतिशत हैं।
इस बीच, जीवन बीमा कवरेज प्रदान करने वाली प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) योजना के तहत 21 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ हुआ है।
मई 2015 में लॉन्च की गई PMJJBY एक टर्म लाइफ इंश्योरेंस योजना है। इस योजना के तहत किसी भी कारण से मृत्यु होने पर बीमाधारक के परिवार को 2 लाख रुपये मिलते हैं।