अयोध्या, 26 दिसंबर
अयोध्या में 11 जनवरी, 2025 को भव्य समारोह मनाया जाएगा, जो श्री राम जन्मभूमि मंदिर में "राम लला की प्राण प्रतिष्ठा" (राम लला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ) की पहली वर्षगांठ होगी।
प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में जाना जाने वाला यह अवसर पवित्र अनुष्ठानों, संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भरे दिन के लिए देश भर से भक्तों को एक साथ लाएगा।
यह जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अपने एक्स अकाउंट पर साझा की।
जानकारी के अनुसार, मंदिर परिसर में आध्यात्मिक रूप से उत्थान करने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी, जो भक्तों को प्रार्थना, मंत्रोच्चार और उत्सव के माध्यम से भगवान राम से जुड़ने का मौका देगी।
यहाँ दिन के मुख्य आकर्षणों पर एक नज़र डालें:
यज्ञ मंडप में पवित्र अनुष्ठान
मंदिर परिसर के भीतर यज्ञ मंडप में सुबह-सुबह समारोह शुरू हो जाएगा। सुबह 8 से 11 बजे तक और फिर दोपहर 2 से 5 बजे तक शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों के साथ अग्निहोत्र समारोह किया जाएगा। अपने शुद्धिकरण और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाने जाने वाले इस प्राचीन वैदिक अनुष्ठान के साथ छह लाख श्री राम मंत्रों का पाठ किया जाएगा, जो भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक विशाल सामूहिक प्रयास है।
पूरे दिन, राम रक्षा स्तोत्र और हनुमान चालीसा जैसे पवित्र ग्रंथों का भी पाठ किया जाएगा।
भक्तगण इन पाठों में शामिल होंगे, जिससे भक्ति और एकता का एक उत्थानशील वातावरण बनेगा।
सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रम
मंदिर का भूतल कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र होगा। दोपहर 3 से 5 बजे तक भक्ति रागों पर आधारित शास्त्रीय संगीत प्रस्तुति राग सेवा होगी, जिसमें भगवान राम को मधुर श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद शाम 6 से 9 बजे तक श्री राम लला विग्रह की दिव्य उपस्थिति का जश्न मनाते हुए आनंदमय बधाई गान का आयोजन किया जाएगा।
पहली मंजिल पर यात्री सुविधा केंद्र में, भगवान राम के जीवन की महाकाव्य कथा की संगीतमय व्याख्या के साथ रामचरितमानस का संगीतमय पाठ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगा, जो दिन के आध्यात्मिक अनुभव को और समृद्ध करेगा।
अंगद टीला में राम कथा और प्रवचन
मंदिर परिसर के भीतर एक प्रमुख स्थल अंगद टीला में, दोपहर और शाम को आध्यात्मिक प्रवचन होंगे। दोपहर 2 से 3:30 बजे तक, भगवान राम, उनके गुणों और उनकी यात्रा की कालातीत कहानी सुनाते हुए राम कथा सुनाई जाएगी। इसके बाद दोपहर 3:30 से 5 बजे तक रामचरितमानस पर ज्ञानवर्धक प्रवचन होंगे, जिसमें विद्वान पवित्र ग्रंथ के गहन अर्थों और शिक्षाओं पर चर्चा करेंगे।
शाम 5:30 से 7:30 बजे तक सांस्कृतिक समारोह जारी रहेगा, जिसमें पारंपरिक नृत्य और प्रदर्शन सहित जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जो आध्यात्मिक माहौल में कलात्मक स्पर्श जोड़ेंगे।
श्री राम के प्रसाद का वितरण
सुबह से ही भक्तों को श्री राम का प्रसाद दिया जाएगा, जो भगवान राम के दिव्य आशीर्वाद का प्रतीक है। प्रसाद पूरे दिन वितरित किया जाएगा, जिससे सभी क्षेत्रों के तीर्थयात्री पवित्र परंपरा में भाग ले सकेंगे।