महाकुंभ नगर, 11 फरवरी
आगामी 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा स्नान के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रद्धालुओं की संभावित आमद की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए व्यापक उपाय लागू किए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार नगर, मंडल और महाकुंभ क्षेत्र के सभी अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आपात स्थिति में तत्काल सहायता उपलब्ध कराने के लिए कुल 133 एंबुलेंस को रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है। जिसके तहत 125 रोड एंबुलेंस, सात रिवर एंबुलेंस और एक एयर एंबुलेंस को विशेष रूप से तैनात किया गया है।
पूरे महाकुंभ क्षेत्र में अत्याधुनिक चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था की गई है, जिसमें छोटे ऑपरेशन से लेकर बड़ी सर्जरी तक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। महाकुंभ मेले के नोडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. गौरव दुबे ने बताया कि योगी सरकार की आपातकालीन सेवाएं, खासकर एंबुलेंस सेवा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। महाकुंभ क्षेत्र में 2,000 से अधिक चिकित्सा कर्मियों को तैनात किया गया है, स्वरूप रानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल में अतिरिक्त 700 स्टाफ सदस्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देशों के तहत, एसआरएन अस्पताल ने संभावित आपात स्थितियों से निपटने के लिए 250 बेड आरक्षित किए हैं और 200 यूनिट रक्त सुरक्षित किया है। महाकुंभ नगर के सभी 43 अस्पताल, जिनमें से प्रत्येक की क्षमता 500 बेड की है, मरीजों की आमद को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
अस्पताल ने 40 बेड का ट्रॉमा सेंटर, 50 बेड का सर्जिकल आईसीयू, 50 बेड का मेडिसिन वार्ड, 50 बेड का पीएमएसएसवाई वार्ड और 40 बेड का बर्न यूनिट आरक्षित किया है। इसके अलावा, 10 बेड का कार्डियोलॉजी वार्ड और 10 बेड का आईसीयू पूरी तरह से चालू है। पूरी व्यवस्था की निगरानी प्रिंसिपल डॉ. वत्सला मिश्रा के नेतृत्व में की जा रही है, जिसमें उप-प्राचार्य डॉ. मोहित जैन और मुख्य अधीक्षक डॉ. अजय सक्सेना श्रद्धालुओं की विशिष्ट जरूरतों की देखरेख कर रहे हैं। चिकित्सा सेवाओं के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए 30 वरिष्ठ डॉक्टरों को विशेष ड्यूटी सौंपी गई है। इनके साथ 180 रेजिडेंट डॉक्टर और 500 से अधिक नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ लगातार काम कर रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन ने सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के सख्त निर्देश दिए हैं। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल की प्राचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा ने पुष्टि की कि माघ पूर्णिमा स्नान के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत अस्पताल से संपर्क करने का आग्रह किया और उन्हें मुफ्त और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा का आश्वासन दिया। आयुष विभाग के सहयोग से श्रद्धालुओं की सेवा के लिए 30 विशेषज्ञ डॉक्टरों समेत 150 चिकित्सा कर्मियों को तैनात किया गया है। एम्स दिल्ली और बीएचयू के चिकित्सा विशेषज्ञ भी अलर्ट पर हैं। डॉ. गिरीश चंद्र पांडे ने बताया कि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. मनोज सिंह के नेतृत्व में टीम श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे तैयार है।