चंडीगढ़, 25 मार्च
कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनके बेटे से जुड़े कथित हमले के मामले में पंजाब पुलिस के आचरण पर आपत्ति जताते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एफआईआर दर्ज करने में सात दिन की देरी पर सवाल उठाए।
न्यायमूर्ति संदीप मौदगिल ने पूछा, "जब आपको घटना के बारे में पता चला तो आपने एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की? इतनी देरी क्यों? इसका क्या कारण है?" कर्नल बाथ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह सवाल उठाए।
इस याचिका में पटियाला के सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में 22 मार्च को दर्ज एफआईआर को स्वतंत्र, निष्पक्ष और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या किसी स्वतंत्र एजेंसी को हस्तांतरित करने की मांग की गई है।
नई दिल्ली स्थित सेना मुख्यालय में तैनात कर्नल ने आरोप लगाया है कि 13 मार्च की रात को जब वे पटियाला में सरकारी राजिंदरा अस्पताल के पास सड़क किनारे एक भोजनालय में थे, तब उन पर हमला किया गया। पिछले सप्ताह एक विवाद के सिलसिले में तीन इंस्पेक्टरों समेत बारह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे।
इस विवाद में उन्होंने कर्नल और उनके बेटे को कथित तौर पर "लात, घूंसे और बेरहमी से पीटा"। घटना के चार दिन बाद पुलिस ने सेना के अधिकारी से माफी मांगी और "दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई" का आश्वासन दिया।