नई दिल्ली, 31 मार्च
सोमवार को आई एक रिपोर्ट में बताया गया कि लगभग 90 प्रतिशत भारतीय सीईओ मानते हैं कि मौजूदा परिचालन और संयुक्त उद्यमों तथा विलय और अधिग्रहण के माध्यम से नए क्षेत्रों में निवेश विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
ईवाई-पार्थेनन सीईओ आउटलुक सर्वे: ग्लोबल कॉन्फिडेंस इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारतीय सीईओ अपने वैश्विक समकक्षों की तुलना में कारोबार करने की लागत, राजस्व और प्रतिस्पर्धी स्थिति के बारे में अधिक आश्वस्त हैं।
वे बहुत आशावादी हैं कि वे परिवर्तन के माध्यम से भविष्य के लिए अपने व्यवसाय मॉडल को सफलतापूर्वक फिर से तैयार कर सकते हैं।
सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 86 प्रतिशत सीईओ उभरती प्रौद्योगिकियों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हैं, उन्हें अगले 12 महीनों के लिए एक प्रमुख निवेश प्राथमिकता के रूप में चिह्नित करते हैं, जबकि 90 प्रतिशत का मानना है कि सफल एआई अपनाने और कार्यबल को बेहतर बनाने से उद्योग के नेताओं की पहचान होगी।
यह दूरदर्शी दृष्टिकोण भारतीय व्यवसायों की लचीलापन और अनुकूलनशीलता को रेखांकित करता है, जिसमें परिवर्तन उनकी महत्वाकांक्षाओं के केंद्र में है।
ईवाई इंडिया के कंसल्टिंग लीडर रोहन सचदेव ने कहा, "जो संगठन परिवर्तनकारी मानसिकता अपनाते हैं, वे उथल-पुथल को विकास की संभावनाओं में बदल सकते हैं, आत्मविश्वास के साथ अपने भविष्य को आकार देने के लिए लगातार अनुकूलन और विकास कर सकते हैं।" सर्वेक्षण से पता चला है कि सबसे अधिक आत्मविश्वास वाले सीईओ स्थायी परिवर्तन रणनीतियों को प्राथमिकता देते हैं, जो व्यापक आर्थिक और तकनीकी बदलावों के बीच ग्राहकों और कर्मचारियों के साथ संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।