कोलकाता, 21 अप्रैल
अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा के पीछे पश्चिम बंगाल सरकार की शुरुआती ‘बाहरी’ थ्योरी को 12 अप्रैल को एक व्यक्ति और उसके बेटे की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए चार व्यक्तियों की पहचान ने काफी हद तक खारिज कर दिया है।
यह पता चला है कि गिरफ्तार किए गए सभी चार व्यक्ति न केवल मुर्शिदाबाद जिले के निवासी थे, बल्कि वे उस गांव में भी अक्सर आते-जाते थे, जहां मारे गए पिता-पुत्र, हरगोबिंदो दास और चंदन दास रहते थे।
साथ ही, ग्रामीणों ने यह भी पुष्टि की है कि गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से तीन मृतक पिता-पुत्र के गांव से सटे गांवों के निवासी थे।
राज्य पुलिस ने इस सिलसिले में सबसे पहले दो चचेरे भाइयों कालू नादाब और दिलदार नादाब को गिरफ्तार किया, जो दोनों उस गांव से सटे हुए थे, जहां दास दंपति रहते थे। जांच अधिकारियों के समक्ष गांव वालों ने पुष्टि की है कि ये दोनों आरोपी चचेरे भाई दास परिवार के गांव में अपने परिचितों से मिलने के लिए अक्सर आते थे।
कालू नादाब को बीरभूम जिले के मुराराई से गिरफ्तार किया गया, जबकि दिलदार नादाब को मुर्शिदाबाद जिले के सुती से पकड़ा गया।
इसके बाद, पिछले सप्ताह पुलिस ने इस सिलसिले में एक स्थानीय इलेक्ट्रीशियन इंजमाम हक को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए दोनों चचेरे भाइयों की तरह हक भी घरेलू बिजली मरम्मत के काम के लिए दास परिवार के गांव में अक्सर आता था।