नई दिल्ली, 28 अप्रैल
क्या आप नियमित रूप से रेडी-टू-ईट या गर्म किए गए खाद्य पदार्थ खाते हैं? सावधान रहें, सोमवार को एक वैश्विक अध्ययन से पता चला है कि ऐसे अति-प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों (UPF) के सेवन से रोके जा सकने वाली अकाल मृत्यु का जोखिम काफी बढ़ सकता है।
पिछले अध्ययनों ने UPF को - सोडियम, ट्रांस वसा और चीनी से भरपूर - हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह, कुछ प्रकार के कैंसर और अवसाद सहित 32 विभिन्न बीमारियों से जोड़ा है।
नए अध्ययन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधि आहार सर्वेक्षणों और आठ देशों (ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, मैक्सिको, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका) से मृत्यु दर के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।
अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव मेडिसिन में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि UPF के सेवन के कारण होने वाली अकाल मृत्यु व्यक्तियों के कुल ऊर्जा सेवन में उनकी हिस्सेदारी के अनुसार काफी बढ़ जाती है।
अध्ययन UPF की खपत को कम करने के लिए वैश्विक कार्रवाई के आह्वान को पुष्ट करता है, जिसे स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने वाली नियामक और राजकोषीय नीतियों द्वारा समर्थित किया जाता है।
यूपीएफ खाने या गर्म करने के लिए तैयार औद्योगिक फॉर्मूलेशन हैं, जो खाद्य पदार्थों से निकाले गए अवयवों से या प्रयोगशालाओं में संश्लेषित होते हैं, तथा उनकी संरचना में संपूर्ण खाद्य पदार्थ बहुत कम या बिल्कुल नहीं होते हैं।