चंडीगढ़, 25 फरवरी 2025
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को जवाब देते हुए भ्रष्टाचार के बेबुनियाद आरोपों को संबोधित किया और स्वच्छ व पारदर्शी शासन के लिए आप सरकार की अटूट प्रतिबद्धता दोहराई।
बाजवा द्वारा उल्लिखित विजिलेंस एफआईआर से संबंधित घटनाओं की श्रृंखला पर प्रकाश डालते हुए, अरोड़ा ने स्पष्ट किया कि न तो आम आदमी पार्टी और न ही उसके नेता इसमें शामिल हैं। उन्होंने न्याय व अखंडता के प्रति पार्टी के समर्पण को रेखांकित किया और ईमानदार सहयोगियों की रक्षा करने एवं गलत काम करने वालों को जवाबदेह ठहराने के अपने कर्तव्य पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, ''मैं यहां पूरी ईमानदारी से यह कहने के लिए खड़ा हूं कि हमारी पार्टी और नेताओं ने हमेशा ईमानदारी और जवाबदेही को बरकरार रखा है। झूठे और आधारहीन आरोप हमें ईमानदारी से लोगों की सेवा करने की हमारी प्रतिबद्धता से नहीं डिगा सकते। यदि मेरे सहकर्मी ईमानदार हैं तो मैं उनका बचाव करूंगा। वहीं अगर कोई गलत काम करता है तो उसे रोकना मेरा कर्तव्य है। शासन के लिए सच्चाई, पारदर्शिता और साहस की आवश्यकता होती है और आप सरकार इससे पीछे नहीं हटेगी।"
अरोड़ा ने व्यक्तिगत एजेंडे के लिए मुद्दों के राजनीतिकरण की भी निंदा की और सभी दलों से सार्वजनिक विश्वास को कमजोर करने वाले बयानों से बचने का आह्वान किया। उन्होंने भ्रष्टाचार, नशीली दवाओं के व्यापार और खनन के आरोपों की जांच के लिए न्यायिक या सदन समितियों के गठन की विपक्ष की मांगों का भी समर्थन किया और उनसे निराधार आरोपों के बजाय सार्थक कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
अरोड़ा ने कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के पाखंडी रुख की भी कड़ी निंदा की और कहा कि उन्होंने आसानी से पंजाब में अपनी पार्टी के काले इतिहास को नजरअंदाज करने का विकल्प चुना। कांग्रेस शासन के दौरान अवैध शराब के कारण तरनतारन में 130 से अधिक लोगों की दुखद मौतें उनके शासन के दौरान अनियंत्रित भ्रष्टाचार और लापरवाही की गंभीर याद दिलाती हैं। यहां तक कि सेवानिवृत्त प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुखिया ने भी एक कांग्रेस मंत्री, 10 विधायकों और तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के करीबी सहयोगियों की संलिप्तता को चिह्नित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाजवा की अचानक नाराजगी उनकी पार्टी की विफलताओं और आपराधिक लापरवाही से ध्यान हटाने के लिए राजनीतिक नाटकबाजी के अलावा और कुछ नहीं है।
पंजाब के मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने तथ्यात्मक स्पष्टता के साथ अपने खिलाफ आरोपों को संबोधित किया। ईटीओ ने बताया कि कैसे उन्होंने तुरंत अधिकारियों को गलत तरीके से एकत्र किए गए धन की वापसी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा कि एक मंत्री के रूप में मेरा कर्तव्य ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ सेवा करना है। ईटीओ ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र किया और कहा कि उन्हें उन मामलों पर भी ध्यान देना चाहिए।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी जिम्मेदार और रचनात्मक राजनीति की आवश्यकता पर बल देते हुए विपक्ष की रणनीति के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा, ''विपक्ष को निराधार आरोप लगाने के बजाय शासन को मजबूत करने और जन कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।'' चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने ईमानदार शासन का उदाहरण पेश किया है और कोई भी झूठा प्रचार हमारे संकल्प को डिगा नहीं सकता।