श्रीनगर, 3 मार्च
जम्मू-कश्मीर में सोमवार को मैदानी इलाकों में बारिश हुई, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई।
मौसम विज्ञान (MeT) कार्यालय ने सोमवार को ऊंचे इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी का अनुमान लगाया है, साथ ही कहा है कि उत्तर और मध्य कश्मीर के कुछ ऊंचे इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी हो सकती है।
4 मार्च से 9 मार्च तक मौसम ज्यादातर शुष्क रहने की उम्मीद है, जबकि 10 मार्च से 12 मार्च के बीच ताजा बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है।
पिछले सात दिनों के दौरान हुई बारिश और बर्फबारी ने लंबे समय तक शुष्क रहने की आशंकाओं को शांत कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप इस साल केंद्र शासित प्रदेश में सूखा पड़ेगा।
नदियों, नालों, झीलों, झरनों और अन्य जल निकायों में जल स्तर में काफी सुधार हुआ है। कुछ बारहमासी झरने जो जनवरी और फरवरी में 50 दिनों तक लंबे समय तक सूखे रहने के कारण सूख गए थे, उनमें फिर से पानी बहने लगा है।
मौसम संबंधी परेशानियां तब शुरू हुईं जब कश्मीर में 40 दिनों की कठोर सर्दी की अवधि 'चिल्लई कलां' के दौरान केवल एक बड़ी बर्फबारी देखी गई, जिसे 'चिल्लई कलां' कहा जाता है, जो हर साल 21 दिसंबर को शुरू होती है और 30 जनवरी को समाप्त होती है।
कड़ाके की ठंड की 40 दिनों की लंबी अवधि के दौरान यह बर्फबारी होती है जो पहाड़ों में बारहमासी जल भंडारों को भर देती है और घाटी में लोगों को पीने के लिए पानी सहित प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध कराती है।