चंडीगढ़, 16 अप्रैल
आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर ग्रेनेड वाले बयान के लिए फिर हमला बोला है। अरोड़ा ने इन बयानों को गैरजिम्मेदाराना और राजनीति से प्रेरित बताया। अरोड़ा ने पुलिस के साथ सहयोग करने के बजाय व्यक्तिगत हमलों का सहारा लेने के लिए भी बाजवा की आलोचना की।
अरोड़ा ने कहा कि यदि ऐसे बयान विश्वसनीय सूचना पर आधारित हों तो पुलिस और खुफिया एजेंसियों से तत्काल सहयोग की आवश्यकता होती है। उन्होंने बाजवा की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने पंजाब पुलिस और खुफिया अधिकारियों के साथ अपनी सूचना का स्रोत साझा करने से इंकार कर दिया, जो स्पष्टीकरण के लिए उनसे पूछताछ कर रहे थे। अरोड़ा ने कहा, "अगर बाजवा के पास राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित ऐसी जानकारी है, जो खुफिया एजेंसियों के पास भी नहीं है, तो इसका स्रोत का खुलासा करना अनिवार्य है, लेकिन वह बहाने बना रहे हैं।
अमन अरोड़ा ने बाजवा के दावों पर प्रकाश डाला, जिसमें उन्होंने अपने बयानों को एक अखबार की रिपोर्ट और व्यक्तिगत स्रोतों से जोड़ा। अरोड़ा ने कहा, "बिना सबूत के ऐसे निराधार दावे बेहद गैरजिम्मेदाराना हैं। ऐसे बयान राजनीतिक नेतृत्व में जनता के विश्वास को कमजोर करता है।"
बाजवा द्वारा उनके खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियों के आरोप को अरोड़ा ने खारिज किया और कहा, "मैंने कभी भी व्यक्तिगत हमलों या तुच्छ राजनीति में लिप्त नहीं रहा। मेरे बयान हमेशा पंजाब की सुरक्षा और कल्याण से संबंधित मुद्दों पर आधारित रहे हैं। प्रताप बाजवा ने व्यक्तिगत टिप्पणियों का सहारा लिया है, इसलिए मुझे बोलना पड़ रहा है।
उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए 2014 के पत्र का भी हवाला दिया, जिसमें प्रताप बाजवा के ड्रग तस्करों और आतंकवादियों साथ संबंधों का आरोप लगाया गया था। अरोड़ा ने कहा कि बाजवा को यह बताना चाहिए कि उनकी अपनी पार्टी के ही नेता ने उनके खिलाफ ऐसे आरोप क्यों लगाए?
अमन अरोड़ा ने खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के आतंकवादी मंजीत सिंह कादियां से जुड़ी 1990-91 और 92 की घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, "बाजवा को इस आतंकवादी से पूछताछ के दौरान किए गए खुलासे याद करने चाहिए, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं व अधिकारियों को निशाना बनाने की साजिश और विस्फोटकों से भरे वाहन शामिल थे। इन मामलों को एक राष्ट्रीय पत्रिका ने अपनी खोजी रिपोर्ट के माध्यम से कवर किया था। उन्हें इसपर भी स्पष्टीकरण देना चाहिए।
अरोड़ा ने मांग की कि यदि बाजवा के पास वास्तव में विश्वसनीय जानकारी है तो वह पंजाब पुलिस को उपलब्ध कराएं और यदि ऐसी कोई जानकारी नहीं है, तो उन्हें पंजाब के लोगों को गुमराह करने और दहशत पैदा करने के बजाय जनता से माफी मांगनी चाहिए।
अमन अरोड़ा ने प्रताप बाजवा को सार्वजनिक बहस की भी खुली चुनौती दी और उन्हें समय, तारीख और मंच चुनने को कहा। उन्होंने दावा किया कि वह मुझसे बहस कर लें, मैं पांच मिनट के भीतर उनके बयानों की सच्चाई उजागर कर दूंगा।