कोलकाता, 17 अप्रैल
पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा में मारे गए पिता-पुत्र हरगोबिंदो दास और चंदन दास के परिवार के सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे को ठुकरा दिया है।
पिछले सप्ताह अल्पसंख्यक बहुल मुर्शिदाबाद जिले के विभिन्न इलाकों में दंगे जैसे हालात तब सामने आए, जब नए लागू किए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गए।
मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज निवासी मृतक पिता-पुत्र के परिवार के सदस्यों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, 12 अप्रैल की सुबह प्रदर्शनकारियों का एक समूह उनके घर में घुस आया।
कथित तौर पर उन्होंने दोनों लोगों की उनके परिवार के सामने ही हत्या कर दी।
बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ अधिनियम के प्रभाव और विरोध पर इमामों, मुअज्जिनों और मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेताओं के साथ एक बैठक को संबोधित करते हुए हिंसा के पीड़ितों के प्रत्येक परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। हालांकि, इस मामले में सीएम ममता बनर्जी की घोषणा के एक दिन बाद दास परिवार के अन्य सदस्यों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे को स्वीकार नहीं करेंगे। परिवार के एक सदस्य ने कहा, "अगर पुलिस समय पर पहुंच जाती तो शायद वे बच जाते। अब वे चले गए हैं और कभी वापस नहीं आएंगे। तो अब हम मुआवजे का क्या करेंगे? हमारे लिए दो कीमती जिंदगियों के लिए कोई भी मुआवजा पर्याप्त नहीं है।"