नई दिल्ली, 18 अप्रैल
केंद्र ने शुक्रवार को सड़क सुरक्षा को मजबूत करने और यातायात प्रवर्तन में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए वाहनों की गति मापने वाले रडार उपकरणों के लिए नए नियम अधिसूचित किए।
उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा अधिसूचित नियमों के अनुसार, सभी रडार-आधारित गति माप उपकरणों को कानूनी माप विज्ञान अधिकारियों द्वारा सत्यापित और मुहर लगाना अनिवार्य है।
बयान में कहा गया है कि ये नियम 1 जुलाई, 2025 से लागू होंगे, जिससे उद्योगों और प्रवर्तन एजेंसियों को प्रावधानों का अनुपालन करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि ऐसे उपकरण सटीक, कैलिब्रेटेड और कानूनी रूप से अनुपालन करने वाले हों, जिससे पारदर्शिता, सार्वजनिक विश्वास और प्रवर्तन अखंडता बढ़ेगी। बयान में बताया गया है कि सत्यापित रडार सिस्टम यातायात की गति की निगरानी, दुर्घटना की रोकथाम और सड़क के बुनियादी ढांचे पर टूट-फूट को कम करने जैसे अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
रडार उपकरण डॉपलर रडार जैसी तकनीकों का उपयोग करके संचालित होते हैं, जो उच्च परिशुद्धता के साथ वाहन की गति को मापते हैं। ये नियम विस्तृत तकनीकी और सुरक्षा आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करते हैं, उचित अंशांकन, विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में स्थिर संचालन और छेड़छाड़ के विरुद्ध सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। बयान में कहा गया है कि ऐसे उपायों से तकनीकी विश्वसनीयता और कानूनी जवाबदेही की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।