सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर जनवरी में 4.31 प्रतिशत पर आ गई, जो पांच महीने का निचला स्तर है। इस महीने सब्जियों और दालों की कीमतों में कमी आई, जिससे घरेलू बजट को राहत मिली।
अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत के 14 महीने के उच्च स्तर को छूने के बाद मुद्रास्फीति में कमी लगातार गिरावट का रुख दर्शाती है। नवंबर में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.48 प्रतिशत और दिसंबर में 5.22 प्रतिशत पर आ गई थी।
जनवरी 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति 6.02 प्रतिशत पर अगस्त 2024 के बाद सबसे कम है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "जनवरी के महीने में मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, दालों, अनाज, शिक्षा, कपड़े और स्वास्थ्य की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।" जनवरी में अखिल भारतीय स्तर पर सबसे अधिक मुद्रास्फीति दर्शाने वाली शीर्ष पांच वस्तुएं नारियल तेल (54.20 प्रतिशत), आलू (49.61 प्रतिशत), नारियल (38.71 प्रतिशत), लहसुन (30.65 प्रतिशत), मटर (सब्जियां) (30.17 प्रतिशत) हैं।