नई दिल्ली, 25 अप्रैल : शोधकर्ताओं की एक टीम ने कहा कि अवसाद और हृदय रोग (सीवीडी) आंशिक रूप से एक ही जीन मॉड्यूल से विकसित होते हैं, जो दोनों स्थितियों के बीच लंबे समय से प्रचलित संबंध को स्थापित करता है।
1990 के दशक से, यह अनुमान लगाया जाता रहा है कि दोनों रोग किसी न किसी तरह से संबंधित हैं। दुनिया भर में लगभग 280 मिलियन लोग अवसाद से पीड़ित हैं, जबकि 620 मिलियन लोग सी.वी.डी. से पीड़ित हैं।
फिनलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दोनों के बीच नैदानिक संबंध को जानने के लिए रक्त जीन विश्लेषण का उपयोग किया।
फ्रंटियर्स इन साइकियाट्री पत्रिका में प्रकाशित उनके परिणाम से पता चला कि अवसाद और सी.वी.डी. में कम से कम एक कार्यात्मक 'जीन मॉड्यूल' समान है। अध्ययन अवसाद और सी.वी.डी. के लिए नए मार्करों की पहचान करने में मदद कर सकता है, साथ ही दोनों रोगों को लक्षित करने वाली दवाओं को भी खोज सकता है।
जीन मॉड्यूल को विभिन्न स्थितियों में समान अभिव्यक्ति पैटर्न वाले जीन के समूह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है और इसलिए कार्यात्मक रूप से संबंधित होने की संभावना है।
फिनलैंड के टैम्पियर विश्वविद्यालय में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता और प्रथम लेखक बिनिशा एच मिश्रा ने कहा, "हमने अवसाद और सी.वी.डी. से पीड़ित लोगों के रक्त में जीन अभिव्यक्ति प्रोफ़ाइल को देखा और एक ही जीन मॉड्यूल में 256 जीन पाए, जिनकी अभिव्यक्ति औसत से अधिक या कम स्तर पर लोगों को दोनों बीमारियों के अधिक जोखिम में डालती है।" टीम ने 34 से 49 वर्ष की आयु के 899 महिलाओं और पुरुषों के रक्त में जीन अभिव्यक्ति डेटा का अध्ययन किया। साझा मॉड्यूल में अन्य जीन अल्जाइमर, पार्किंसंस और हंटिंगटन रोग जैसी मस्तिष्क संबंधी बीमारियों में शामिल हैं। मिश्रा ने कहा, "हम इस मॉड्यूल में जीन का उपयोग अवसाद और हृदय रोग के लिए बायोमार्कर के रूप में कर सकते हैं। अंततः, ये बायोमार्कर दोनों बीमारियों के लिए दोहरे उद्देश्य वाली निवारक रणनीतियों के विकास की सुविधा प्रदान कर सकते हैं।"