नई दिल्ली, 3 मई (एजेंसी) : शुक्रवार को एक नए अध्ययन के अनुसार, बचपन और किशोरावस्था में उच्च रक्तचाप स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी गंभीर हृदय स्थितियों के दीर्घकालिक जोखिम को चार गुना बढ़ा सकता है।
दुनिया भर में हर 15 बच्चों और किशोरों में से एक को उच्च रक्तचाप होता है और यह एक बढ़ती हुई चिंता बन गया है।
इसके दीर्घकालिक प्रभाव को समझने के लिए, शोधकर्ताओं ने 1996 से 2021 के बीच ओंटारियो, कनाडा में उच्च रक्तचाप से पीड़ित 25,605 बच्चों और किशोरों की तुलना इस स्थिति से पीड़ित न होने वाले साथियों से की।
13 साल के फॉलो-अप से पता चला कि उच्च रक्तचाप वाले लोगों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, दिल की विफलता या हृदय की सर्जरी होने का जोखिम बिना उच्च रक्तचाप वाले लोगों की तुलना में दो से चार गुना अधिक था।
विशेषज्ञों ने वयस्क होने पर गंभीर हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए बचपन में रक्तचाप की जांच और उपचार को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
कनाडा में द हॉस्पिटल फॉर सिक चिल्ड्रेन (सिककिड्स) में बाल चिकित्सा नेफ्रोलॉजी फेलो कैल एच. रॉबिन्सन ने कहा, "बाल चिकित्सा रक्तचाप जांच और नियंत्रण के लिए अधिक संसाधन समर्पित करने से उच्च रक्तचाप वाले बच्चों में दीर्घकालिक हृदय संबंधी स्थितियों के जोखिम को कम किया जा सकता है।" रॉबिन्सन ने कहा, "बाल चिकित्सा उच्च रक्तचाप के लिए नियमित जांच और अनुवर्ती कार्रवाई के महत्व के बारे में अधिक जागरूकता बच्चों को जीवन में बाद में महत्वपूर्ण प्रतिकूल हृदय परिणामों को विकसित करने से रोक सकती है।" टोरंटो में 3-6 मई को आयोजित बाल चिकित्सा शैक्षणिक सोसायटी (PAS) 2024 बैठक में निष्कर्ष प्रस्तुत किए जाएंगे।