नई दिल्ली, 24 मई
भारत में कैंसर युवाओं को अधिक प्रभावित कर रहा है। शुक्रवार को एक नए अध्ययन से पता चला है कि देश में कैंसर के 20 फीसदी मामले 40 साल से कम उम्र के पुरुषों और महिलाओं में देखे जा रहे हैं।
दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी संस्था, कैंसर मुक्त भारत फाउंडेशन के अध्ययन से पता चला है कि 40 से कम कैंसर रोगियों में 60 प्रतिशत पुरुष थे, जबकि 40 प्रतिशत महिलाएं थीं।
सिर और गर्दन का कैंसर (26 प्रतिशत) सबसे अधिक प्रचलित था, इसके बाद कोलन, पेट और यकृत जैसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर (16 प्रतिशत) थे। स्तन कैंसर 15 प्रतिशत और रक्त कैंसर 9 प्रतिशत है।
भारत में कैंसर मुक्त भारत अभियान का नेतृत्व कर रहे प्रधान अन्वेषक और वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट आशीष गुप्ता ने खराब जीवनशैली के लिए युवा वयस्कों में कैंसर के बढ़ने को जिम्मेदार ठहराया।
आशीष ने कहा, "हमारे देश में मोटापे की बढ़ती दर, आहार संबंधी आदतों में बदलाव, विशेष रूप से अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन की खपत में वृद्धि और गतिहीन जीवनशैली भी उच्च कैंसर दर से जुड़ी हुई हैं।"
उन्होंने कहा, "युवा पीढ़ी में कैंसर के खतरे को रोकने के लिए हमें स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए और तंबाकू और शराब के सेवन से बचना चाहिए।"
अध्ययन से यह भी पता चला कि भारत में निदान किए गए 27 प्रतिशत मामले कैंसर के चरण 1 और 2 में थे जबकि 63 प्रतिशत चरण 3 या 4 कैंसर थे।
आशीष ने कहा, "लगभग दो-तिहाई कैंसर का पता देर से चला, संभवतः उचित जांच को कम अपनाने के कारण।"
यह अध्ययन पूरे भारत में 1,368 कैंसर रोगियों पर किया गया, जिन्होंने 1 मार्च से 15 मई के बीच फाउंडेशन के कैंसर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया था।