इटावा (यूपी), 4 जून
एक युवती ने अपने प्रेमी और उसके तीन साथियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुर्दाघर से एक अज्ञात व्यक्ति का शव खरीदा और फिर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
यह उसके माता-पिता को उसके "काल्पनिक" मंगेतर की हत्या में फंसाने के लिए था।
पुलिस ने सोमवार शाम महिला के प्रेमी हेतराम को जिला अस्पताल की मोर्चरी के पास से गिरफ्तार कर लिया।
इटावा पुलिस ने मुस्कान कोष्ठा, उसके प्रेमी हेतराम मित्तल, मोहम्मद फुरकान, मोहम्मद तस्लीम और मोहम्मद फारूक, सभी निवासी इटावा के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने कहा कि अपराध के पीछे मुस्कान और हेतराम का मकसद उसके माता-पिता को उसके काल्पनिक मंगेतर की हत्या में फंसाना था क्योंकि वे उनके रिश्ते का विरोध कर रहे थे।
पुलिस को अपराध की भनक लगने से पहले ही आरोपियों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया था।
पुलिस रिपोर्टों के अनुसार, 2 जनवरी को, एक अज्ञात व्यक्ति का शव इटावा के फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन क्षेत्र के अंतर्गत एक रेलवे ट्रैक के पास पाया गया था, जो संभवतः ट्रेन से कट गया था।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर 72 घंटे के लिए शवगृह में पहचान के लिए रखवा दिया है। मृतक की फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित कर उसकी पहचान करने का प्रयास किया गया।
4 जनवरी को आवास विकास कॉलोनी निवासी दीनदयाल और अभि कुमार तथा एक अन्य व्यक्ति ने दस्तावेजों के साथ प्रार्थना पत्र दिया और शव की पहचान दीनदयाल के 26 वर्षीय बेटे अतुल कुमार के रूप में की।
इसके बाद वे शव को ले गए और उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया.
हालांकि, इस मामले में नया मोड़ 7 जनवरी को आया, जब गांव तेज का पुरवा निवासी धर्मवीर राजपूत ने फ्रेंड्स कॉलोनी थाने पहुंचकर शव की पहचान की और दावा किया कि यह शव उनके भाई सत्यवीर पुत्र रूपराम का है।
इस पर शव पर दावा करने वाले दीनदयाल, अभि व अन्य के पते का सत्यापन किया गया। दस्तावेजों में अंकित मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो 12 आवास विकास कॉलोनी दर्ज पता फर्जी निकला। एसएसपी संजय वर्मा ने बताया कि सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और मैनुअल साक्ष्यों के आधार पर इटावा के रामलीला रोड निवासी हेतराम का नाम सामने आया।