लखनऊ, 16 जुलाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में आईएएस अधिकारी देवी शरण उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। उन्हें हाल ही में सदस्य, न्यायिक राजस्व परिषद, प्रयागराज के पद से हटा दिया गया था और प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया था।
अधिकारी के खिलाफ यह कार्रवाई मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत की गई है और उन्हें अलीगढ़ में जमीन के पट्टे के मामले में गलत आदेश जारी करने का दोषी पाया गया है.
देवी शरण उपाध्याय 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें जुलाई 2022 में न्यायिक राजस्व परिषद में तैनात किया गया था।
उन पर अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टे मनमाने तरीके से बहाल करने का आरोप है. नियमों के विरुद्ध दिए गए इन पट्टों को निरस्त करने की संस्तुति अलीगढ़ जिला प्रशासन ने की थी। यह मामला राजस्व परिषद में गया। जिला प्रशासन की स्पष्ट अनुशंसा के बाद उन्होंने इन पट्टों को बहाल करने का आदेश पारित कर दिया.
इसकी शिकायत अलीगढ़ के मंडलायुक्त ने उच्च स्तर पर की थी। नियुक्ति विभाग ने उन्हें 13 जुलाई को प्रतीक्षा सूची में डाल दिया था और अब मुख्यमंत्री के आदेश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है.
निलंबन अवधि के दौरान वह राजस्व परिषद से संबद्ध रहेंगे। इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी भी बनाई गई है.