कोलकाता, 17 जुलाई
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने कोलकाता के एक स्थानीय युवक बुधादित्य चट्टोपाध्याय की 11 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान की है, जिसे 11 जुलाई को पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग में टेंडर पास कराने के बहाने व्यक्तियों और फर्मों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
सूत्रों ने कहा कि ईडी अधिकारियों को सुराग मिले हैं कि ये संपत्तियां गलत कमाई से खरीदी गई थीं।
ईडी अधिकारियों को इस बात के भी सुराग मिले हैं कि कैसे आरोपियों ने विदेशी पक्षी प्रजातियों के व्यापार में निवेश करके भारी मात्रा में पैसा कमाया।
सूत्रों ने कहा कि ईडी के वकील ने इस सप्ताह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत को बुधादित्य चट्टोपाध्याय द्वारा की गई धोखाधड़ी के विवरण पर अपडेट किया।
ईडी अधिकारियों को दक्षिण कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में बुधादित्य चट्टोपाध्याय से पूछताछ करने के लिए अदालत से अनुमति भी मिल गई, जहां वह न्यायिक हिरासत में रह रहे हैं।
ईडी के शुरुआती निष्कर्षों के अनुसार, आरोपी खुद को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का रिसर्च स्कॉलर बताता था और स्वास्थ्य विभाग में उनके टेंडर आवेदन पास कराने का वादा कर कई लोगों से करोड़ों रुपये ठगता था।
उनसे पैसे लेने के बाद वह गायब हो जाता था और वे दर-दर भटकते रह जाते थे।
ईडी ने 2022 में मामले में दर्ज एक मामले के आधार पर जांच शुरू की। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, जांच एजेंसी ने खुलासा किया कि धोखाधड़ी 2019 से हो रही थी और 11 जुलाई को उन्होंने आखिरकार बुधादित्य चट्टोपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया।
व्यक्तियों से 50,000 रुपये से 1,00,000 रुपये तक की धोखाधड़ी करने के अलावा, बुधादित्य चट्टोपाध्याय ने कथित तौर पर बेंगलुरु स्थित एक संगठन को भी 26 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
ईडी अधिकारियों के अनुमान के अनुसार, उसने 2019 से विभिन्न व्यक्तियों और संस्थाओं से 35 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है।