श्री फतेहगढ़ साहिब/9 सितंबर:
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत विश्वविद्यालय, मंडी गोबिंदगढ़ जो शैक्षणिक उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध है, ने गर्व के साथ अखिल भारतीय प्राचार्य संघ (एआईपीए) सम्मेलन की मेजबानी की। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में देश भर के प्रतिष्ठित शैक्षिक नेता भारत में शिक्षा के भविष्य पर चर्चा, सहयोग और रणनीति बनाने के लिए एक साथ आए। विश्वविद्यालय के अत्याधुनिक महाप्रज्ञ हॉल में आयोजित सम्मेलन में विविध प्रकार के सत्र और कार्यशालाएँ शामिल थीं, जिन्हें आज शैक्षणिक संस्थानों के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। कार्यक्रम के एजेंडे में शिक्षा जगत की प्रमुख हस्तियों के मुख्य भाषण, डिजिटल परिवर्तन, समावेशिता और शिक्षाशास्त्र जैसे प्रमुख मुद्दों पर पैनल चर्चाएँ और स्कूल प्रबंधन में नवीन प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इंटरैक्टिव कार्यशालाएँ शामिल थीं। यह कार्यक्रम शिक्षक दिवस को समर्पित था। कार्यक्रम की शुरुआत डीबीयू के उपाध्यक्ष डॉ. हर्ष सदावर्ती के प्रेरक मुख्य भाषण से हुई, जिसमें शिक्षा के भविष्य को आकार देने में अनुकूली नेतृत्व और दूरदर्शी रणनीतियों के महत्व पर जोर दिया गया। डॉ. नवदीप भारद्वाज अध्यक्ष और संजीव जिंदल एआईपीए ने शिक्षा में प्रौद्योगिकी के एकीकरण, छात्र जुड़ाव को बढ़ाने और लचीले शैक्षिक समुदायों के निर्माण सहित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। उपस्थित लोगों ने व्यावहारिक कार्यशालाओं में भाग लिया, जिसमें समकालीन शैक्षिक चुनौतियों के लिए व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए गए। नेटवर्किंग सत्रों ने प्रधानाचार्यों को विचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान किया। बैठक में स्कूल प्रबंधन और नेतृत्व में उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देने वाले पुरस्कारों की प्रस्तुति के साथ शिक्षा में उत्कृष्टता का भी जश्न मनाया गया। डॉ. हर्ष सदावर्ती, डॉ. सुदीप मुखर्जी, रजिस्ट्रार, डॉ. सुरजीत कौर पथेजा मीडिया निदेशक डीबीयू और एआईपीए के पदाधिकारियों ने प्रधानाचार्यों को डीबीयू उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। देश भगत विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. ज़ोरा सिंह, डॉ. तजिंदर कौर प्रो-चांसलर ने सफल समारोह के बारे में उत्साह व्यक्त किया कि यह कार्यक्रम एक सहयोगी वातावरण को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जहां शैक्षिक नेता सार्थक बदलाव लाने के लिए एक साथ आ सकते हैं। अंत में अखिल भारतीय प्राचार्य संघ के कानूनी सलाहकार निखिल गांधी ने डीबीयू के प्रबंधन सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने सभी प्राचार्यों और शिक्षकों को उनकी उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया।