श्री फतेहगढ़ साहिब/14 जनवरी :
(रविंदर सिंह ढींडसा)
देश भगत विश्वविद्यालय, मंडीगोबिंदगढ़ को विश्वविद्यालय परिसर में बहुप्रतीक्षित उत्सव लोहड़ी के सफल आयोजन की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। यह कार्यक्रम सांस्कृतिक विरासत, सामुदायिक भावना और पारंपरिक उत्सवों का जीवंत प्रदर्शन था। लोहड़ी, सर्दियों के अंत और फसलों की कटाई का प्रतीक एक त्योहार है, जिसने सभी क्षेत्रों के लोगों को खुशी और एकजुटता से भरी एक जीवंत शाम का आनंद लेने के लिए एक साथ लाया। उत्सव की शुरुआत पारंपरिक अलाव जलाने से हुई, जो प्रकृति के प्रति आभार और समृद्धि की प्रार्थना का प्रतीक है। उपस्थित लोगों ने अलाव के चारों ओर इकट्ठा होकर तिल, गुड़ और मूंगफली चढ़ाए और लोकगीत गाए, जिससे एक दिल को छू लेने वाला माहौल बना। इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रदर्शन हुए, जिनमें भांगड़ा और गिद्दा जैसे पारंपरिक पंजाबी लोक नृत्य, साथ ही क्लासिक लोकगीतों की मधुर प्रस्तुतियाँ शामिल थीं। छात्रों ने समान रूप से खेलों और गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिससे उत्सव की भावना और बढ़ गई।इस अवसर पर डॉ. ज़ोरा सिंह, चांसलर और डॉ. तजिंदर कौर, प्रो-चांसलर ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “लोहड़ी केवल एक त्यौहार नहीं है; यह जीवन, समुदाय और कृतज्ञता का उत्सव है। हम इस खुशी के अवसर को मनाने के लिए हमारे साथ शामिल होने वाले सभी लोगों की इतनी जबरदस्त प्रतिक्रिया देखकर रोमांचित हैं।” कार्यक्रम का समापन एक जीवंत डीजे पार्टी के साथ हुआ, जहाँ संकाय और छात्रों ने पारंपरिक और आधुनिक पंजाबी संगीत की धुनों पर नृत्य किया, जिससे सभी ऊर्जावान और संतुष्ट हो गए। डॉ. हर्ष सदावर्ती, उपाध्यक्ष ने लोहड़ी उत्सव की सफलता में योगदान देने वाले सभी उपस्थित लोगों, प्रायोजकों और स्वयंसेवकों को हार्दिक धन्यवाद दिया। इस तरह के आयोजन सामुदायिक बंधनों को मजबूत करते हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं।