नई दिल्ली, 10 सितंबर
उद्योग के नेताओं के अनुसार, घरेलू ऑटोमोटिव उद्योग ने वित्त वर्ष 2024 में 20 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर लिया है और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) द्वारा संचालित, 2047 तक 1.6 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 134 लाख करोड़ रुपये) का होने की क्षमता है।
अंतरिक्ष विभाग में IN-SPACe के अध्यक्ष पवन गोयनका के अनुसार, देश में ऑटोमोटिव उद्योग 2047 तक 32 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हासिल करने की दिशा में प्रमुख विकास इंजनों में से एक बनने की ओर अग्रसर है।
राष्ट्रीय राजधानी में ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एसीएमए) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऑटोमोटिव उद्योग में 2047 तक 1.6 ट्रिलियन डॉलर का योगदान करने की क्षमता है।
गोयनका ने आगे कहा, ऑटो सेक्टर देश में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है, उन्होंने कहा कि ऑटो उद्योग देश की जीडीपी में लगभग 6.8 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से अधिक योगदान देगा। पिछले दो दशकों में, उद्योग 17 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ा है।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि घरेलू ऑटो उद्योग ने आयात निर्भरता को कम करने के लिए स्थानीय उत्पादन के लिए 50 महत्वपूर्ण घटकों की पहचान की है।
उन्होंने कहा, चूंकि इनमें से अधिकतर वस्तुएं इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक्स हैं, इसलिए भारत में ऐसी उच्च तकनीक वाली वस्तुओं के लिए क्षमताएं और क्षमताएं विकसित करने की जरूरत है।
अग्रवाल ने सभा को बताया कि भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग ने वित्त वर्ष 2024 में 20 लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है और देश में एकत्र कुल जीएसटी में लगभग 14-15 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।