नई दिल्ली, 13 सितम्बर
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त अनुसंधान और विकास केंद्र, इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (एआरसीआई) के शोधकर्ताओं ने एक कम लागत वाला समाधान विकसित किया है जो इंजन वाहनों के प्रदर्शन को बढ़ा सकता है।
इसे नैनोसेकंड लेजर सरफेस टेक्सचरिंग कहा जाता है, यह इंजन के भीतर चलने वाले हिस्सों की चिकनाई को बढ़ाने में मदद करता है और इस प्रकार इंजन के प्रदर्शन को बढ़ाता है।
आंतरिक दहन (आईसी) इंजन आधुनिक परिवहन की रीढ़ का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन चलती भागों के बीच घर्षण और टूट-फूट उनके प्रदर्शन के लिए एक बड़ी चुनौती है। इससे भारी ऊर्जा हानि होती है और परिणामस्वरूप, कम ईंधन बचत होती है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि नैनोसेकंड लेजर सतह बनावट का उद्देश्य इस समस्या का समाधान करना है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, "यह समयबद्ध दृष्टिकोण विभिन्न महत्वपूर्ण इंजन घटकों पर लागू ग्रे कास्ट आयरन में ट्राइबोलॉजिकल प्रदर्शन (इंजन के भीतर चलने वाले हिस्सों की चिकनाई) को बढ़ाने का प्रयास करता है, जिसमें पिस्टन रिंग और सिलेंडर लाइनर शामिल हैं।"
थर्मल और घर्षण अपव्यय आईसी इंजनों को आपूर्ति की जाने वाली ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खर्च करते हैं। पिस्टन-सिलेंडर प्रणाली में आईसी इंजन के लिए घर्षण हानि लगभग 50 प्रतिशत है।
इनमें से, यह पाया गया है कि 70-80 प्रतिशत पिस्टन रिंग में होते हैं: शीर्ष संपीड़न रिंग, तेल नियंत्रण रिंग, और दूसरा संपीड़न रिंग।