नई दिल्ली, 14 सितंबर
ऊर्जा और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा है कि भारत ने 'हाइड्रोजन एजेंडा' को आगे बढ़ाने की साझा प्रतिबद्धता से प्रेरित ऊर्जा परिवर्तन के एक नए युग की शुरुआत की है।
ग्रीन हाइड्रोजन प्रतिबद्धता ऊर्जा प्रणालियों को फिर से परिभाषित करने, नौकरियां पैदा करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ ग्रह को सुरक्षित करने का एक ऐतिहासिक अवसर है।
ग्रीन हाइड्रोजन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ICGH-2024) को संबोधित करते हुए, नाइक ने स्वच्छ और हरित ऊर्जा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
मंत्री ने एक व्यापक रणनीति के रूप में 19,744 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्यय के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन पर प्रकाश डाला, जिसमें मांग निर्माण, उत्पादन, अनुसंधान एवं विकास, बुनियादी ढांचे, नियामक ढांचे, अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और सबसे महत्वपूर्ण, कौशल विकास और रोजगार सृजन शामिल है।
नाइक ने युवाओं के महत्व को भी रेखांकित किया और पुष्टि की कि युवाओं को आवश्यक कौशल के साथ सशक्त बनाकर, भारत उन्हें एक स्थायी भविष्य के वास्तुकार बनने के लिए तैयार कर रहा है।
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय के सूद के अनुसार, ग्रीन हाइड्रोजन के प्रति प्रतिबद्धता केवल उत्सर्जन लक्ष्यों को पूरा करने के बारे में नहीं है।
उन्होंने सभा को बताया, "यह हमारी ऊर्जा प्रणालियों को फिर से परिभाषित करने, नई नौकरियां पैदा करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ, स्वस्थ ग्रह को सुरक्षित करने के ऐतिहासिक अवसर को जब्त करने के बारे में है।"
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव भूपिंदर एस भल्ला ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए ग्रीन हाइड्रोजन की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला।