चंडीगढ़, 14 सितंबर
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में आप सुप्रीमों और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई को लेकर की गई टिप्पणी पर आम आदमी पार्टी ने भाजपा और गृह मंत्री अमित शाह की तीखी आलोचना की है।
शनिवार को चंडीगढ़ पार्टी कार्यालय में आप प्रवक्ता गोविंदर मित्तल के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए विधायक दिनेश चड्ढा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भारतीय जनता पार्टी और खासकर गृह मंत्री अमित साजिश थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह सच साबित हो गया है।
उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सीबीआई अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करने के बाद 22 महीने तक खामोश रही फिर ईडी मामले में जमानत मिलने से ठीक पहले गिरफ्तार करने की क्या जरूरत पड़ गई। कोर्ट ने यह भी कहा कि सीबीआई की गिरफ्तारी पूरी तरह अवैध और अनुचित थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भेदभावपूर्ण और राजनीति से प्रेरित थी। सीबीआई को पिंजरे के तोते की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए। उसे अपनी विश्वसनीयता बनाए रखने वाला काम चाहिए और किसी के राजनीतिक मकसद की पूर्ति के लिए इस तरह की कार्रवाई से बचना चाहिए।
दिनेश चड्ढा ने कहा कि इससे साफ पता चलता है कि सीबीआई ने गृहमंत्री अमित शाह के इशारे पर अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था क्योंकि वह उन्हीं के मंत्रालय के अधीन है। ये सारी साजिश उन्हीं की थी। उन्होंने असंवैधानिक और अमर्यादित तरीके से जांच एजेंसी का दुरुपयोग किया और एक वर्तमान मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करवाया। अब उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के पीछे भाजपा का मकसद था आम आदमी पार्टी को तोड़ना, लेकिन वह इसमें नाकाम हो गए। हमारे नेता, विधायक और सांसद सभी इकठ्ठे रहें और भाजपा की साज़िश का शिकार नहीं हुए। वे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संसद सिंह जैसे शीर्ष नेताओं को जेल में रखकर भी दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ में हमें तोड़ नहीं पाए। आम आदमी पार्टी के नेताओं को खरीदने और तोड़ने में भाजपा पूरी तरह फेल हो गई।
उन्होंने कहा कि भाजपा एक और झूठ बोल रही है कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री के तौर पर काम नहीं कर सकते। मुख्यमंत्री के तौर पर साइन नहीं कर सकते। इन्हें नहीं पता कि अरविंद केजरीवाल के पास पहले से ही कोई विभाग नहीं है और जो फाइल एलजी के पास जानी है उस फाइल पर वह आज भी साइन कर सकते हैं। यह सिर्फ एक साजिश थी ताकि वह जेल से बाहर न आ पाएं। लेकिन सच को लंबे समय तक दबाया नहीं जा सकता। अरविंद केजरीवाल की रिहाई से सच की जीत हुई है