चंडीगढ़, 12 मार्च
पंजाब सरकार के नशा के विरुद्ध अभियान 'युद्ध नशयां विरूद्ध' पर आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के मार्गदर्शन में नशा विरोधी अभियान पूरे राज्य में व्यापक स्तर पर चल रहा है और इसे काफी सराहना मिल रही है।
चंडीगढ़ पार्टी मुख्यालय में आप पंजाब अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने पार्टी के वरिष्ठ आप नेता नील गर्ग और गुलशन छाबड़ा के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए पंजाब सरकार के चल रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी।
अमन अरोड़ा ने कहा कि यह पहल केवल एक सरकारी प्रयास नहीं है बल्कि पंजाब के प्रत्येक व्यक्ति को शामिल करने वाला एक सामूहिक मिशन है। अरोड़ा ने कहा, "नशे की समस्या ने पंजाब के लगभग हर घर को प्रभावित किया है, जिससे लोगों को अत्यधिक दर्द और पीड़ा हुई है। अब पंजाब सरकार राज्य से इस कैंसर को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।"
अरोड़ा ने कहा कि नशा विरोधी अभियान के तहत पंजाब सरकार ने नशीली दवाओं के खतरे से निपटने में उल्लेखनीय प्रगति की है। 1 मार्च से अब तक कुल 1,163 एनडीपीएस के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और 1,615 ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया गया है जो अब सलाखों के पीछे हैं। इसके अलावा पुलिस की ओर से आत्मरक्षा के लिए की गई जवाबी कार्रवाई में 21 तस्कर घायल हो गए। उन्होंने कहा कि ये प्रयास नशीली दवाओं के व्यापार को खत्म करने और इसमें शामिल लोगों को जवाबदेह बनाने के सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाते हैं।
वहीं प्रशासन ने 27 अवैध संपत्तियों को भी ध्वस्त कर दिया है, जिसमें सरकारी भूमि पर ड्रग तस्करों द्वारा बनाई गई इमारतें शामिल है। इसके अलावा ड्रग्स विरोधी एजेंसियों ने 1,115 किलोग्राम नशीले पदार्थ जब्त किए हैं जिसमें लगभग 7 लाख नशीली गोलियां और कैप्सूल है और लगभग ₹60 लाख की ड्रग मनी जब्त की गई है।
अरोड़ा ने कहा कि युवाओं को नशीली दवाओं के खतरों के बारे में जागरूक करने के लिए गांवों, स्कूलों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से 115 जन-जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। नशामुक्ति और पुनर्वास केंद्र भी सक्रिय है, जो नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं को अपराधियों के बजाय रोगी मानते हैं और उन्हें फिर से सामान्य जीवन में वापस आने में मदद करते हैं।
अमन अरोड़ा ने जागरूकता और पुनर्वास के साथ सख्त प्रवर्तन को जोड़ते हुए सरकार की रणनीतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया, "एक तरफ पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
आप नेता ने सामूहिक सामाजिक प्रयास के महत्व को दोहराया और प्रत्येक घर, परिवार और संगठन से इस मिशन में सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक सरकारी जिम्मेदारी नहीं है। इसलिए पंजाब के लोगों को इस अभियान का पूरे दिल से समर्थन करना चाहिए, तभी हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि नशा खत्म हो।"
अरोड़ा ने इस मुद्दे के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा, "यह अभियान ड्रग माफिया और उन्हें बचाने वालों के खिलाफ एक निर्णायक और अंतिम लड़ाई है। सरकार नशा तस्करों के ताबूत में आखिरी कील ठोंकने वाली कार्रवाई कर रही है।
उन्होंने पंजाब पुलिस के प्रयासों की भी सराहना की और जागरूकता फैलाने में उनके कवरेज और समर्थन के लिए मीडिया को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "आपकी लगातार रिपोर्टिंग ने लोगों के बीच विश्वास पैदा किया है कि यह सरकार पंजाब में नशीली दवाओं की समस्या को खत्म करने के लिए गंभीर है।"
अरोड़ा ने सभी धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के साथ-साथ गैर सरकारी संगठनों से इस लड़ाई में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया और कहा, "यह पंजाब के भविष्य के लिए एक मिशन है। आइए हम इस बुराई को उखाड़ फेंकने और अपने युवाओं को बचाने के लिए मिलकर काम करें।"
उन्होंने पंजाब के लोगों को आश्वासन दिया कि आप सरकार नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हम लोगों के सहयोग और समर्थन से हर हालत में यह लड़ाई जीतेंगे।