मुंबई, 28 जनवरी
दवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सिप्ला ने मंगलवार को दिसंबर तिमाही (वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही) के लिए अपने समेकित शुद्ध लाभ में 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही (वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही) के 1,068.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,574.6 करोड़ रुपये हो गया।
एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, कंपनी का परिचालन से राजस्व 7 प्रतिशत बढ़कर 7,073 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 6,604 करोड़ रुपये था।
हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) आधार पर यह लगभग स्थिर रहा, जबकि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में राजस्व 7,051 करोड़ रुपये रहा।
भारत में इसके कारोबार से होने वाला राजस्व साल-दर-साल 10 प्रतिशत बढ़कर 3,146 करोड़ रुपये हो गया, जबकि इसके ब्रांडेड प्रिस्क्रिप्शन कारोबार ने प्रमुख उपचारों में बाजार की वृद्धि को पीछे छोड़ दिया।
तिमाही के लिए सिप्ला का EBITDA साल-दर-साल 15.7 प्रतिशत बढ़कर 1,989 करोड़ रुपये हो गया, जबकि EBITDA मार्जिन 184 आधार अंकों से बढ़कर 28.1 प्रतिशत हो गया।
कंपनी ने कहा कि इसके निरंतर मार्जिन बेहतर परिचालन दक्षता और इसकी गहन बाजार-केंद्रित रणनीति का परिणाम थे।
हालांकि, तिमाही के लिए सिप्ला के खर्च साल-दर-साल 5 प्रतिशत बढ़कर 5,378 करोड़ रुपये हो गए, हालांकि वे तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 1.3 प्रतिशत कम थे।
सिप्ला के नए उद्यम खंड ने भी अच्छा प्रदर्शन किया, जिसने Q3 FY25 में 341 करोड़ रुपये का राजस्व दिया, जो Q3 FY24 में 281 करोड़ रुपये और पिछली तिमाही में 320 करोड़ रुपये था।
कंपनी की फाइलिंग के अनुसार, उभरते बाजारों और यूरोप में मजबूत प्रदर्शन के कारण कंपनी की वृद्धि को बढ़ावा मिला।
सिप्ला ने यह भी कहा कि उसका ट्रेड जेनेरिक सेगमेंट फिर से विकास की राह पर है और उसके उपभोक्ता स्वास्थ्य ब्रांड का विस्तार जारी है।
परिणामों के बाद, कंपनी का शेयर 30.9 रुपये की बढ़त के साथ 1,427 रुपये पर बंद हुआ।